SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 48
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्रास्ताविक वक्तव्य | २५ करण किया है । इस संक्षेपका कर्ता कौन है सो अज्ञात है, वैसे ही प्रतिके लेखन समयादिका सूचक भी कोई उल्लेख प्राप्त नहीं हुआ । प्रतिका रूप रंग देखते हुए अनुमान कर सकते हैं कि कोई ३००-४०० वर्ष जितनी पुरातन तो जरूर होगी । प्रतिके हांसियोंमें कई भिन्न भिन्न प्रकारके हस्ताक्षरों में टिप्पनादि किये हुए दृष्टिगोचर हो रहे हैं इससे ज्ञात होता है कि इसका पठन वाचन कई जिज्ञासुओंने किया है । $ १४. उपसंहार I इस प्रकार प्रस्तुत संग्रहका संकलन करनेमें हमने भिन्न भिन्न ऐसे ६ संग्रह ग्रन्थों का सम्पूर्ण उपयोग किया है; जिनमें ५ तो स्वतंत्र प्रबन्ध-संग्रह हैं और १ प्रबन्धचिन्तामणि- ही के कुछ भागका स्वल्प संक्षेप मात्र है । एक Ps संग्रहको छोड कर शेष पांचों प्रतियोंके कितनेएक पत्रोंके हाफ्टोन ब्लाक बनवा कर उनकी प्रतिकृतियां इसके साथ संलग्न कर दी गई हैं जिससे पाठक प्रतियोंके वर्णनगत परिचयके साथ इनके आकार-प्रकार आदिका प्रत्यक्ष दर्शन भी कर सकेंगे । अन्तमें हम इन प्रतियोंके संरक्षक, और इस प्रकार यह समुद्धार करनेमें हमें पूर्ण सहानुभूति पूर्वक इनका यथेष्ट उपयोग करने में सुलभता प्राप्त करा देने वाले सज्जनोंके प्रति हम अपनी आदरपूर्ण कृतज्ञता प्रकट करते हैं। इनमें P प्रतिके साथ विद्वान् मुनिवर श्रीपुण्यविजयजी महाराजका, तथा G प्रतिके साथ उसके संग्राहक श्रीयुत गोकुलदास नानजी भाई गान्धीका नाम निर्देश हमने ऊपर स्पष्ट कर ही दिया है । यहां पर B प्रतिके संरक्षक, स्वर्गत मुनिवर श्रीभक्तिविजयजीके सुशिष्य और साहित्यप्रिय मुनि श्रीजसविजयजी महाराजके प्रति हम अपना सविशेष कृतज्ञतभाव प्रकट करते हैं जिन्होंने कई वर्षों तक इस प्रतिको हमारे पास पडी रहने देनेकी उदारता बतलाई है तथा और और भी पुस्तकादि प्राप्त करने - कराने में जो सदैव हमारे प्रति सोत्साह प्रेरणा एवं प्रयत्न करते-कराते रहते हैं । महावीर जन्मतिथि, चैत्र, सं० १९९२. भारतीनिवास; अहमदाबाद. Jain Education International } For Private Personal Use Only जिन विजय www.jainelibrary.org
SR No.002629
Book TitlePuratana Prabandha Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1936
Total Pages220
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy