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________________ ७८२ आगम और त्रिपिटक : एक अनुशीलन [खण्ड : ३ 556 ___ काश्यप किष्किन्धा कुंडिनपुर कुण्डलपुर कुन्ती कुब्जावारक कुदाल पंडित कुछाल-जातक कुम्भकार-गातक कुम्भकारी कुंभकरण कुमुदिनी कुलभूषण केवली 510 506 537 469 14 704 गारवा कुबेर 640. कृष्ण-देषायन 460 529 443 495 गंगदत्त-मुनि 545 गगन वल्लभ-विद्याधर 112 गज-सुकुमाल 112 गणधर-गौतम 698 गतियां 704 गान्धार 450 गान्धार-जातक गान्धार.देश 400 गान्धार-राष्ट्र 528 गाथापति 43 गाथापति रत्न 714 गिरगिट-अभिमान 181 गीत नगर 308 गुणमाला 658, 645, 655 गुणवती 488 गुणशील-चैत्य 181 गुणसेन 516 गुण व्रत 168, 140 गोपाल 293 गोलकाल 441 गौतमी 539 गौरी 607 गृहपति-रत्न 7, 159, 543 गृहस्थ-जीवन 484 गृहि-धर्म 17 150, 547 682 705 705 700 351 713 249 460 696 465 612 कुशल-मूल कुशावती कूटागर-पर्वत कूट नीति कूट-वाणिज जातक कूट-दूसक जातक कून्य-जीव केशी-अश्व केशी-कुमार-श्रमण केवट्ट-ब्राह्मण केवल-ज्ञान केवल्य-महोत्सव कोकालिक-भिक्ष क्रोध कोविक-राजा कोशल-देश कौशाम्बी कौशाम्बी-नगरी कोसिय-जातक कोष्ठक-चैत्य कौतुक मंगल-नगर कौस्तुभ मणि कोष्टिक कृष्ण 708 133 398 233 733 142 715 699 132,666 25 494 554 126 घट जातक 168 घट पण्डित 434 548 526 495 चपक-हाथी 517,520 ____Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002623
Book TitleAgam aur Tripitak Ek Anushilan Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagrajmuni
PublisherConcept Publishing Company
Publication Year1991
Total Pages858
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Philosophy, Conduct, & Story
File Size17 MB
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