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________________ ७७६ आगम और त्रिपिटक : एक अनुशीलन [खण्ड : ३ ७१. बुद्धचा : राहुल सांकृत्यायन, प्र. शिवप्रसाद गुप्त सेवा उपवन काशी, १९३२ ७२. भगवती सूत्र : (जैन आगम) अभयदेव सूरि वृत्ति सहित, प्र० ऋषभ देवजी केसरी____ मलजी जैन श्वेताम्बर संस्था, रतलाम, १६३७ । ७३. भगवान पार्श्वनाथ : ले० कामताप्रसाद जैन, मूलचन्द किसनदास कापड़िया जैन, विजय प्रिंटिंग प्रेस, सूरत १६२६ ७४. भक्त प्रत्याख्यान : ७५. भारतीय इतिहास : एक दृष्टि : ले० डा० ज्योतिप्रसाद जैन, प्र. भारतीय ज्ञान पीठ, बनारस, १६५७ ७६. मज्झिमनिकाय : (हिन्दी अनुवाद) अनु० राहुल सांकृत्यायन, प्र. महाबोधि सभा, सारनाथ, बनारस, १९३३ ७७. मलयगिरी : ७८. महावंश : (हिन्दी अनुवाद) अनु० भदन्त आनन्द कौसल्यायन, प्र० हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग १६५६ ७६. महाउम्मग जातक : ८०. महाजनक जातक : ८१. मातंग जातक : ८२. मिलिन्द पञ्हो : (पालि) सं० आर० डी० वडेकर, प्र० बम्बई विश्वविद्यालय, बंबई १६४० ८३. मिलिन्द प्रश्न : (हिन्दी अनुवाद) अनु० भदन्त आनन्द कौसल्यायन ८४. राजप्रश्नीय सूत्र : ८५. रायपसेणिय सुत्त : (जैन आगम) सं० पं० बेचरदास डोसी, प्र० गुर्जर रत्न ग्रन्थ, अहमदाबाद १६३६ ८६. राजोवाद जातक : ८७. वसुदेव हिंडी: ८८. विनय पिटक : (पालि) स० भिक्ष जगदीश काश्यप, प्र० पालि प्रकाशन मण्डल, नवनालन्दा महाविहार, नालन्दा (बिहार) १६५६ ८६ विसवन्त जातक: ६०. विसुद्धिमग्ग : आचार्य बुद्ध घोष ६१. विशेषावश्यक भाष्य (सटीक) जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण, वृत्तिकार कोटयाचार्य, प्र० ऋषभदेव केसरीमल श्वे० संस्था रतलाम, १६३६-३७ ६२ विशेष आवश्यक भाष्य : (सटीक गुजराती अनुवाद) अनु० चुन्नीलाल हुकुमचन्द, प्र० आगमोदय समिति, बम्बई, १६२३ ६३. वृहत्कल्प भाष्य : ६४. वृहद्वत्ति : Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002623
Book TitleAgam aur Tripitak Ek Anushilan Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagrajmuni
PublisherConcept Publishing Company
Publication Year1991
Total Pages858
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Philosophy, Conduct, & Story
File Size17 MB
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