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आगम और त्रिपिटक : एक अनुशीलन [खण्ड-३ : तत्त्व, आचार व कथानुयोग]
लेखक:
राष्ट्रसन्त मुनिश्री नगरराजजी डी० लिट०
ब्रह्मर्षि, योग शिरोमणि, साहित्य-मनीषी, जैन धर्म दिवाकर
प्रस्तावना: डॉ० टी०जी० कलघटगी, एम० ए०, पी-एच.डी. प्रोफेसर एवं हैड, जैन विद्या विभाग, मद्रास विश्वविद्यालय
एक अवलोकन : विद्वद्वर उपाध्याय श्री विशाल मुनिजी
अ० भा० वर्धमान श्रमण संघ
संपादक: डॉ० छगनलाल शास्त्री, एम० ए० (त्रय), पी-एच० डी०
विजिटिंग प्रोफेसर, मद्रास विश्वविद्यालय
प्रकाशक:
कॉन्सप्ट पब्लिशिंग कम्पनी, नई दिल्ली-११००५९
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