SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 375
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ भाषा और साहित्य] आर्ष ( अर्द्धमागधी ) प्राकृत और आगम वाङमय [३२५ शिलालेख तिलोयपण्णत्ति बुद्धिल दोनों नामावलियों में द्वितीय, चतुर्थ, पंचम तथा एकादश संख्या पर आये हुए नाम परस्पर नहीं मिलते। पार्श्वनाथ-वसति के शिलालेख में बुद्धिल सोलहवां नाम है तथा तिलोयपण्णत्ति में वह सतरहवां है। तिलोयपण्णत्ति में सोलहवां नाम विजय है, जिसका शिलालेखीय नामावलि में कोई उल्लेख नहीं है । इस प्रकार बुद्धिल तक दोनों नामावलियों में एक का अन्तर पड़ता है। शिलालेख में एक नाम कम है। एक ही क्रम संख्या पर दोनों नामावलियों में जो अदृश्य नाम मिलते हैं, उनके सम्बन्ध में सम्भावना यह भी हो सकती है कि ये आचार्य दो-दो नामों से प्रसिद्ध रहे हों। पर, सुधर्मा और लोहार्य एक ही व्यक्ति थे, विद्वानों के लिए यह गवेषणा का विषय है। उपयुक्त विधेचन के सन्दर्भ में कहा जा सकता है कि बहुत थोड़े से अपवादों के अतिरिक्त प्रायः सबंश आयं सुधर्मा ही भगवान् महावीर के उत्तराधिकारी माने गये हैं। भगवान् महावीर द्वारा प्रवर्तित श्रुत-स्रोत आर्य सुधर्मा के माध्यम से ही आगे प्रवहणशील रहा। १. जादो सिद्धो वीरो तद्दिवसे गोदमो परमणाणी । जादो तस्सि सिद्ध सुधम्मसामी तदो जादो ॥ तम्मि कवकम्मणासे जंबू सामि त्ति केवलो जादो । तत्य वि सिद्धिपवण्णे केवलिणो णत्षि अणुबद्धा ॥ वासष्टो वासाणि गोदमपहुदीण जाणवंताणं । धम्मपयट्टणकाले परिमाणं पिण्डरूपेणं ।। गंदो मा गंदिमित्तो बिदिओ अवराजिवो तइज्जो य। गोवद्धणो चउत्थो पंचमी भद्दबाहु त्ति ॥ पंच इमे पुरिसवरा चउदसपुवी जगम्मि विक्खादा । ते बारस अंगधरा तित्थे सिरि वढमाणस्स ॥ पढमो विसाहणामो पुठिलो खत्तिओ जओ गागो। सिद्धत्यो धिरिसेणो विजओ बुद्धिल गंगदेवा य॥ एकरसो य सुधम्मो दस पुव्वधरा इमे मुविक्खादा पारंपरिमओवगवो तेसीवि सदं च ताण वासाणं । -तिलोयपण्णत्ति, १४७६-७८, ८२-८३, ८५-८६ ____Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002622
Book TitleAgam aur Tripitak Ek Anushilan Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagrajmuni
PublisherArhat Prakashan
Publication Year1982
Total Pages740
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Literature
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy