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भाषा और साहित्य ] विश्व भाषा-प्रवाह
[ ७५ को एक नई लहर व्याप्त हो रही है । फारसी-साहित्य में जो अरबी शब्द प्रयुक्त हैं, उन्हें चुन-चुन कर निकाला जा रहा है और उनके स्थान पर आयं परिवारीय ईरानी शब्द प्रतिष्ठित किये जा रहे हैं।
राष्ट्रीयता की बात तो ठीक है, पर, ऐसा करने से साहित्य का ऐतिहासिक रूप क्षुण्ण होता है। जो भी कारण हो, सेमेटिक परिवार ( अरबी) के शब्द, जो फारसी-बाङमय में प्रयुक्त हो गये हैं, वे एक प्रकार से उसके अंग बन गये हैं। उन शब्दों का विद्यमान रहना जहां एक ओर भाषा के उतार-चढ़ाव के इतिहास को बताता है, वहां जातीय अभिक्रमों पर भी प्रकाश डालता है; अतः किसी के भा पुरातन रूप को ध्वस्त करना क्या उपयोगिता का हनन नहीं है ? पश्तो या अफगानी
प्रदेश या स्थान-भेद से किसी भी भाषा को बोलियां उत्तरोत्तर बनती जाती हैं, बदलती जाता हैं । आधुनिक फारसी की भी अनेक बोलियां हैं। उनमें किन-किन बोलियों का अवेस्ता से और किन-किन का फारसी से उद्गम है, इस सम्बन्ध में विद्वानों के भिन्न-भिन्न भत हैं, जिन पर यहां चर्चा अपेक्षित नहीं है। इन बोलियों में पश्तो का स्थान महत्वपूर्ण है। यह अफगानी या अफगानिस्तानी भी कहलाती है। इसे कुछ विद्वान सीधे अवेस्ती से उद्भूत मानते हैं, पर, यह मत सर्वमान्य नहीं है। पश्तो अफगानिस्तान की भाषा है । ईरानी की प्रायः किसी भी बोली में साहित्य-सजन लगभग नहीं हुआ। यदि हुआ भी, तो नहीं के तुल्य । केवल पश्ती हो इसका अपवाद है । सोलहवीं शती से इसमें साहित्य-रचना होने लगी थी। पश्तो पर भारतीय-ध्वनि, वाक्य-रचना आदि का विशेष प्रभाव पड़ा है। एक प्रकार से यह ईरानी और भारतीय को बीच की भाषा कही जा सकती है। ईरानी को दरद साखा
ईरानी भाषा की बोलियों की एक और महत्वपूर्ण शाखा है, जिसका विस्तार पामीर और पश्चिमोत्तर पंजाब के मध्य में है, जो अब पाकिस्तान का भाग है। वे दरद भाषाओं के नाम से प्रसिद्ध हैं। स्वरूप-सघटन की दृष्टि से ये भी पश्तो की तरह ईरानी और भारतीय की मध्यवर्ती कही जा सकती है। पश्तो में और इनमें परस्पर इतना-सा अन्तर है-पश्तो का झुकाव प्राय: ईरानी की ओर है और दरद भाषाए भारतीय भाषामों की ओर झुकी
संस्कृत में 'दरद' पर्वत को कहा जाता है। पर्वतीय भूमि में प्रयुक्त होने के कारण सम्भवतः इन भाषाओं का 'दरद' नाम पड़ा हो । पंजाबी, सिन्धी, मराठी आदि भारतीय भाषाओं में भी इनके शब्द प्राप्त होते हैं। इससे यह अनुमान करना अस्वाभाषिक नहीं लगता
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