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पृष्ठांक पंक्त्यक ४६५ २१
हटाया
रचकर विषयों को
४६६
१०
सूझाया
प्रशुद्ध हटाए स्वकर विषयों का सुझाया वे कारण सखा मानगे संक्षिप्त प्रकार्णक फैसले उनकी
४६६ ४७०
४७०
४७०
के कारण
सरवा मानेंगे
संक्षेप प्रकीर्णक फासले उसकी
४७१ ४७३
४
४७३
१२
३
४७४ ४७५
४७५
हत्थारणापुर लेखक ने बूटेरायजी ने घीसीलालजी शुद्धि प्रतियों विश्वास पढने तुझ से पन्यास
हत्थरगापुर लेखक को बूटेरायजी घासीलालजी शुद्ध प्रतियों विश्वास
पडने
मुझ से
पन्यास
४७६ ४७७ १७ ४७८ २ ४७६ १८ ४८१६ ४८१ १६ ४८१ २१ ४८३३ ४८५७ ४८८ १३ ४८८ २१ ४८८ २३ ४६१ १३
चतुर्मास्य कार्योत्सर्ग चत्यवासो सवरी चतुथ पन्यास
चातुर्मास्य कायोत्सर्ग चैत्यवासी संवरो चतुर्थ पंन्यास
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