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विजयानन्दसूरि-शाखा की पहावली (8)
६० तत्पट्ट श्री विजयसेनसूरि
, विजयतिलकसूरि
विजयानन्दसूरि विजयराजसूरि
विजयमानसूरि , विजयऋद्धिसूरि
विजयप्रतापसूरि । ,, विजयंसौभाग्यसूरि दान
दोनों भाई थे। ,, विजय उदयसूरि
, विजयलक्ष्मीसूरि ७० । विजयमहेन्द्रसूरि
,, विजयसुरेन्द्रसूरि
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मा
१. विजयप्रताप और विजयसौभाग्य दोनों भाई थे, परन्तु पट्टधर एक ही थे। यही कारण है कि अन्य पट्ट परम्परा लेखकों ने एक नम्बर बढ़ाया है, पर प्रकृत में नहीं बढ़ाया।
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