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[२०१२
नैमिनाहचरिउ [२०१२]
अह मुगीवह निवह वयणेण सुपवित्तइ लग्ग-दिणि दो-वि ताउ वसुदेवु परिणइ । भुजंतउ विसय-मुह ताहिं समगु गय दियह न मुणइ ॥ कम-जोगेण य अंगरुहु हुयउ विजयसेणाए । दिन्नउं नामु अकूरु इय तसु सिरीए महयाए ॥
[२०१३]
अवर-वासरि कुमरु वसुदेवु वहु-देस-दसण-मणिउ नीहरेउ मंदिरह रयणिहिं । एगत्थ-महाडइहिं गउ रउद्द-जिय-भीम-धरणिहिं ॥ तत्थ जल-त्थिउ सरवरह समुहउ चल्लिउ जाव । उब्भिय-करु वण-कलहु तमु समुहु पहाविउ ताव ॥
[२०१४]
अहह एत्थ वि सुकय-जोगेण कोऊहलु आगयउं इय मणम्मि चिंतंतु कुमरु वि ।
खेल्लाविवि वहु-विहिहिं खलिवि झत्ति वण-करिहि पसरु वि ॥ दंतग्गिहि अवलंविऊण करि-खंधम्मि चडेइ । तह चेव य कित्तिउ वि पहु मण-वेगिण गच्छेइ ॥
[२०१५] ___ जाव ताव य दोहिं खयरेहिं हरिऊण खणेण करिवन्न-नामि उज्जाणि नीयउ । ता खयराहिविण सिरि- असणिवेग-नामिण विणीयउ ॥ निरुवम-गुण-गण-रयण-निहि सामा नाम स-कन्न । तमु सोहग्गि-सिरोमणिहि वसुदेवह पविइण्ण ॥ २०१२. ३. क. ताओ. २०१५. ९. क. पविइण्णु; ख. पविइण.
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