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________________ ६७२ नेमिनाहचरिउ [३००८] एत्थ-अंतरि विहिय-सिंगारु कय-कोउय-मंगलिउ देवदूस-पावरण-मणहरु । कय-पुंखणयाइ-विहि नियय-सोह-अहरिय-पुरंदरु ॥ जाणंतउ तइलोयह वि भूय-भावि वुत्तु । तस्समयागय-सुर-असुर- हरि-मुसलिहिं सोहंतु ॥ [३००९] तुरय-करिवर-रहवरारुढनीसेस-जायव-सहिउ नेमि-कुमरु रहवरि चडेविणु । अणुगच्छिर-भुवण-जणु वत्थु-तत्तु निय-मणि धरेविण ॥ चलिउ चमक्किय-सयल-जगु समुदविजय-भवणाउ । गंध-गउ व निय-जूह-जुउ विंझ-गिरिंद-वणाउ ॥ [३०१०] तयणु चच्चरि तिगि चउक्कम्मि पुर-रच्छहिं कूव-सर- सरिय-तीर-धरणियल-सिहरिहिं । उद्धीकय-कडचिर (?) कय-निवेस वहु-भेय-मंचिहि ॥ घर-अवलोयण-जिण-भवण पायारुवरि निबिट्ट । नयण-पहागइ कुमरि क-वि कामिणि भणइ पहिह ॥ [३०११] भइणि अग्गल मुयसु जिह हउं वि अवलोइवि मुह-कमलु अकय-तवहं दुलहह कुमारह । उवगेण्हहुं किं-पि फलु नूण भवह एयह अ-सारह ॥ आवइ आइउ जाइ इहु इहु इहु इहु एहु त्ति । तरुणीयण-मण-वल्लहउ नेमिनाह-कुमरु त्ति ॥ ३००९. ५. क, भवणाओ; ९. क. वणाभो. Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002610
Book TitleNeminahacariya Part 2
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorH C Bhayani, Madhusudan Modi
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1971
Total Pages318
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size11 MB
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