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नेमिनाrafts
[२९८४] पउम - परिमल - सुहय-लहरिम्मि चक्कवाय - कलहंस-सुंदरि । भमिर-मर - झंकार - मणहरि ||
विलसंत-सारस - सहसि परिविलसिर-कमल-वणि तीर - द्विय-तरु-नियर-प परिकीलिर- हरि करि खयर- सुर- गण - कहिय-अमेरि ॥
-फल
कुसुम -भार-सुंदेरि ।
[२९८५ ]
खीर - जल- निहि-पत्त - वित्थारि
कीला-सरि पविसिउण
हरि-अंतेउरिहिं सहुं अवगूढउ गोरंगिय
अंजण - सिहरि व तियस - गिरि- मेहल-कय-लायन्तु ॥
समुदविजय- अंगरुडु स-हरिमु । मज्जमाणु सुहु लहइ अ-सरिस || तरुणिहिं सामल - वन्तु ।
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[२९८६]
सुहय जोइन जोइ इहु मीणु
इय जंपिर का वि तसु कवि कुमर किमेउ इय
नेमि व निद्ध-निरिक्खणिहिं इग संभावइ जाव । वहुहिं तवज्जइ ताव ॥
ईसा- उदुंदुर-मणिहिं
वह घर उरयल भीडिवि । भणिर लग्ग तसु अंगि धाविव ॥
[२९८७]
सलिल - कीलहिं एहि पज्जत्तु
अरि भाउ चलहु जिह सिरि- नेमकुमार वरु दाहिण -कर- अवलंवणिण
जाता सुजि गंभीर-जलि खिवर्हि पोढ - रमणीउ ॥
नियय ठाणि गम्मइय जंपिरु | पच्छहुत्त चलणिहिं विसप्पिरु || कड्ढइ कवि तरुणीउ ।
२९८४. क. लहरिमि.
२९८७. ५. क. चलणिहिं ९. क. रमणीओ.
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