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[२९६८
नेमिनाहचरिउ
[२९६८]
तयणु केसवु मुणिय-परमत्थु दूरुज्झिय-पाव-मणु भणइ पुरउ सिरि-नेमिकुमरह । जह – वंधव जइ-वि तुहं पगइ-विमुह विसय-सुह-पसरह ॥ तह-वि हु मह सुहि-सयणहं वि उवरोहिण कु-वि कालु । विसय-सुहई रज्जिण सहिय नेमि कुमर परिवालु ॥
. [२९६९]
एम्ब पुणु पुणु हरिहि भणिरस्सु पहु हरिहि पियाहिं सह निश्चियारु बहुविह-विणोयहि । परिकीलइ अवर-दिणि भणिउ कण्हु जायविहि सयलिहि ।। समुदविजय-नरनाहिण वि तह सिरि-सिवदेवीए । करिसु तहा जह उज्जमइ नेमि-विवाह-विहीए ॥
[२९७०]
ता विसेसिण भणिय कण्हेण सिरि-रुप्पिणि-जंववइ- सच्चहाम-पमुह य स-भारिय । नणु कहमवि उज्जमह तह हवेह जह कज्ज-कारिय ॥ ताउ वि केलि कुणंतियउ भणहि वयण स-वियार । सामि वि गहिर-पयंपिइहिं ताहं करेइ निवार ॥
[२९७१]
अवर-अवसरि मुसलि-सुय निसढनरनाह-अंगुब्भविउ विमल-सयल-लक्खणिहि जुत्तउ । सिरि-सायरचंद-अभिहाणु कमलमेलाए रत्तउ ॥ वंचेविणु महसेण-निवु परिणाविउ संवेण । इय जायंतिण तम्मि कुलि वहु-वुत्तंत-सएण ॥ २९६९. ५. क. सयलि वि.
२९७०. ८. भामिवि.
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