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________________ नेमिनाहचरिउ [ १९६० [१९६०] पइहिं तेहिं वि घरह नोहरिवि लहु गंतुज्जाण-वणि मास-खमणु आरभइ अवरु वि । एहु वइयरु जाणिउण उग्गसेण-निवु स-परिवारु वि ॥ निय-अवराहु खमाविउण लम्गिवि खवग-पएसु । भणइ भवणि मह पारण पत्तावसरु करेसु । _ [१९६१] __गेहि एगहं गिज्झ भिक्ख त्ति कय-उग्गाभिग्गहु सु खवणु निवइ-उवरोह-दोसिण । परिसुसिय-असेस-तणु- रुहिर-मंसु वियइज्ज-मासिण ।। पारणयह दिणि कह-वि गउ उग्गसेण-घरि जाव । निय-निय-कज्जाउल-मणिण जणिण न दिडु वि ताव ॥ [१९६२] तयणु मिसिमिसिमाण-वयणिल्लु रोसारुण-नयण-दलु फुरुफुरंत-अहरुट-पल्लवु । नीहरिउण निव-घरह गयउ वहिहिं अवगणिय-सुह-लवु ।। उग्गसेण-वसुहाहिषु वि आयण्णिय-वुत्तंतु । वाढ-धवक्किय-मण-पसरु खवग-सविहि संपत्तु ॥ [१९६३] भणइ - मुणिवर खमसु अवराहु एसो वि पमाय-पर- परियणस्सु मह पाव-पडियह । न य एरिसु दुविणउ पुणु वि करिसु हउं तुह सु-चरियह ।। अह सविसेस-फुरंत-गुरु- अमरिसु खवग-तवस्सि । जंपइ जइ मह तवह फलु किं-चि त पाव मरिस्सि ॥ १९६०.५. क. निव. १९६१. २. क. °भिग्गह. १९६३. ३. क. परिणयस्सु. ____Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002610
Book TitleNeminahacariya Part 2
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorH C Bhayani, Madhusudan Modi
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1971
Total Pages318
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size11 MB
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