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नेमिनाrafts
[२५१०]
ता स-मंदिर कह वलएव
समुत निरिक्खिउण परिखलिर-गग्गर- गिरहिं एत्तिउ कालु स नर्दणहं तह अभिमुहु अब्भुट्टिउण
सउरि हरिस - रोमंच - अंचिउ । भणिरु - अहह हउं किह णु वंचि ॥
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मुह- दंसण- सुक्खेण । सह जायव-लक्खेण ॥
[२५११]
करिवि केसवु नियय - उच्छंगि
अद्धासणि पुणु मुसलि अह जायव - निव- निवह पुच्छहिं वसुदेवह पुरउ अह व रु सयलु वि सु तहं
सन्निसन्तु वसुदेव आसणि । सयलि दूरु विम्हइय निय-मणि ॥ भणु को तंतु । कहइ साइ- पज्जंतु ॥
[२५१२]
तयणु निवइण समुदविजएण
उववृहिय वहु-विहिहिं इगनासिय धूय-जय तहिं आगंतु स-अंगरु
ता जायव-जणु हरिस- हिउ विम्हिय-मुह अरविंदु ॥
तुट्ट-मणिण ते सउरि-नंदण | देवई व वियसंत - लोयण ॥ अवगूहइ साणंदु |
[२५१३]
एग - चित्तिण महुर-नयरीए
धरणयह विमोइउण तेणावि महा-महिण दियह- मुहुत्तिण केसवह एत्थंतर निसु इयर जारिस कह संयुत्त ॥
- उग्गसेणु ठाव निवत्तिण । सच्चहाम स-दुहिय पवित्तिण ॥ दिन्न सु-लक्खण-जुत्त ।
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