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नेमिनाहचरिउ
[१८८७] आयामु जासु जोयण-पमाणु। जाहिं रिसहह ह सिवपुरि-पयाणु ॥ गाउयई तिन्नि उच्चत्तु कहिउ । तं तित्थु पवरु अमरेहिं महिउ ॥
[१८८८] ससि-निम्मल-मणिमय-चउ-दुवारु । निम्मविय-विविह-चित्त-प्पयारु ॥ सुर-सिहरि-चूल-समु सिहरु जासु । को वन्निउ सक्कइ सोह तासु ।।
[१८८९] जहिं घडिय-पवर-पुत्तलिय-पंति । अवयरिय-वरच्छर नं सु-कंति ॥ पणवन्न-रयण-कर-विप्फुरंति । नं इंद-चाव-सय वित्थरंति ॥
[१८९० उत्तत्त-कणय-मउ कलसु भाइ । रवि-विवु उदय-गिरि-सिहरि नाइ ॥ तुंगत्तिण रवि-सोमहं विलग्गु । नं भवियहं दरिसइ सिद्धि-मग्गु ॥
[१८९१] गब्भ-हर-मज्झि मणि-पेढियाए । उसभाइयाण सम-सेढियाए ॥ पडिमाउ जिणाण पसन्नियाउ । निय-चन्न-पमाण-समन्नियाउ ॥
१८९०. २. क. दयगिरि.
१८९१. ३. क. पडिमाओ, पनन्नियाभो.. ४. क. समन्मियाओ.
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