SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 43
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ११५] नेमिनाहचरिउ [११५] नणु महामइ एहु जइ एम्ब ता साहसु वित्थरिण मह सु अत्थि धणकुमरु केरिसु । फुरइ विमल-जस-पसरु एरिसु ॥ जासु नामेण य मह सहिहि एरिस हूय अवत्थ । तयणु पयंपइ सचिवु - नणु इह कह सुयणु महत्थ ॥ जसु [११६] जमिह अणिमिसु सम्गि सुर-इंदु पायालि फर्णिदु पुणु विप्फुरंत-विस-दूसियाणणु । हरि कालउ पंडु हरु कुसुमकेउ संचर-निमुंभणु ॥ सायरु खारउ रवि तवइ रयणीयरु स-कलंकु । सो उग सयलेहि वि गुणिहिं सहिउ सुयणु नीसंकु ।। [११७ इय अणेगहि कुमर-गय-कहहिं पावंत-गुरु-हरिस-भरु कुमरि गमइ केत्तिय वि वासर । अह पत्तइ लग्ग-दिणि सविहि-सीह निरवज्ज सुंदर ॥ पुरिस पयपहिं तुह-मण पय-पउमई पणमेवि । विक्कमवग-नरवइहि जह पहु अविलंबु करेवि ॥ [११८] एह सयंवर-कुमरि तत्थेव पेसिज्जउ बहु-वलिण कलिय सयल-जुव-मण-विमोहणि । ता जुत्तउं जुत्तु इहु . इय भणंतु निवु कुमरि कारणि ॥ काराविवि स-निउत्त-नर- करिहिं पवर-सामग्गि । पेसइ धणवइ अयलपुरि तोसिय-सज्जण-वग्गि ॥ ११५. ८. क. तणु पयं ११६. ९. क. सुवयणु. ११८. ४. एहु. ____Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002609
Book TitleNeminahacariya Part 1
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorH C Bhayani, Madhusudan Modi
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1970
Total Pages450
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy