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३२८ नेमिनाहचरिउ
[१३१२ [१३१२] जय समिय-महीयलुवद्दवया जय संति-जिणिंद जयावहया ।
जय दलिय-सयल-रिउ-वग्ग-गया जय कुंथु-नाह जय-भूसणया ॥९॥
[१३१३] जय असम-सील-भर-धारणया जय अर-जिण पूइय-सासणया ।
जय अरइ-विसाय-विहोडणया जय मल्लि भवोयहि-सोसणया ॥१०॥
[१३१४] जय लोयालोय-पयासणया जय मुच्चय पायड-पवयणया।
जय विजिय-मोह-भड-डामरया जय फुरिय-महा नमि-जिणवरया।११।
[१३१५] जय जायव-वंस-विहूसणया जय नेमि-जिणिद-सिवा-तणया।
जय भुयग-फणा-मणि-रंजियया जय पास-जिणिंद सुरिंद-नया ॥१२॥
[१३१६] जय चालिय-मेरु महाचलया जय वीर-जिणिंद महा-वलया ।
इय दुवइ-छंद-थुय-विमल-गुणा उवणेतु मुहं मह सयल जिणा ॥१३॥
[१३१७] इय स-सुर-असुर-हरिभद्द-सूरि-त्थुयहं । नमिवि साणंदु चउवीस-जिण-वर-पयहं ॥ विहिय-असमाण-सिंगार-सोहिय-तणू । जाइ सो कुमरु नरवइहि पुरओ पुणू ॥१॥
[१३१८] तयणु नर-वरिण तसु विणय-पणमिर-सिरह । एह साणंदु अणुसहि पविइण्ण जह ॥ वच्छ पाएण विसमम्मि भव-सायरे । पयड-जायंत-वहु-भेय-दुइ-वइयरे ॥२॥
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