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१३११]
सत्तमभवि संखवुत्तंतु [१३०३]
समय - विहि- सारु गंतूण घर- चेइए । करिव सकारु वंदेइ जिण वरए || हरिस - पसरंत - रोमंच अह सायरउ । थुइ चउवीस-जिण-नित्रहु सु गुणायरउ ॥३९॥
जहा
(३) [१३०४ ]जय मेरु- सिहर - कय-मज्जणया जय कुलगर - वंस - विहसणया । जय सुर-गण-नाह-न मंसियया जय उसह- सामि जग-नमिय-पया ॥ १ ॥
[१३०५] जय विजय- देवि-जियसत्तु सुया जय कम्म महागिरि-दारणया
[१३०६ ] जय संवर- सिद्धत्था-तणया जय मोह-महा-तम- दिणयरया
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जय अजिय-जिणिंद महाइसया || जय संभव दुरिय पणासणया ॥२॥ जय जिण अहिणंदण सुर-पणया । जय सुमह - जिणिंद गुणागरया ॥३॥
[१३०७] जय केवल पडमालंकियया जय जिण - पउमप्पह - सामियया । जय जम्मण-मरण-विणासणया जय पहु-सुपास सुरवइ - पणया ||४| [१३०८] जय दाण- दया- दम भावियया जय जिण चंदप्पह जय- सुहया । जय सिद्धि-नियंविणि-मुह-तिलया जय सुविहि-जिणिंद महा - फलया ॥ ५॥
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[१३०९] जय मच्छर कमलि हिमागमया जय सीयल-नाह जगुत्तिमया । जय सह- विणिज्जिय-जलहरया जय पहु- सेज्जंस - जिणेसरया ॥ ६ ॥ [१३१०] जय असुह-जलण- जलयावलिया जय वासुपुज्ज सुर-नर-महिया | जय मिळालोय - दिवायरया जय जय पहु विमल - जिणेसरया ॥७॥ [१३११] जय पाविय-परम- अनंत-पया जय जिण अनंत-गुरु विहिय-जया । जय दंसण-नाण-चरण- सुहया जय धम्म - सामि पायडिय - नया ॥८॥ १३११. २. क. जय जिण अणंत पया जय णिर्णत गुरु विटिय जया.
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