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नेमिनाहचरिउ
[ १२९१
अवि य -
[१२९१] छंद-वागरण-जोइस-निमित्तागमे । गणियऽलंकार-कह-मंत-तंत-क्कमे ॥ कव्व-नाडय-पमाणथ-सत्थे फुडे । भरह-रामायण-स्सिप्प-धणु-गारुडे ॥२७॥
[१२९२] तुरय-सिंधुर-वसह-उद्द-सिक्खा-दिसिहि । दंड-मुग्गर-छुरिय-चक्क-कत्तरि-असिहि ॥ लिविहिं चित्तम्मि लेप्पम्मि कट्ठोवले । नहि गंधव्धि वाइत्ति ससि-निम्मले ॥२८॥
[१२९३] कलई निम्मलहं अवरई वि कसवओ। हुयउ सिरिसेण-मुउ फुरिय-सु-मरओ ॥ तयणु नर-वरिण सच्चविय-निम्मल-गुणिण । ठविउ जुव-रज्जि सो संखु हरिसिय-मणिण ॥२९॥
[१२९४] अवर-दियहम्मि कर-गहिय-पिहु-साहुलो । पत्तु निवइहि पुरउ पउर-जणु आउलो ॥ तयणु पुट्ठम्मि निवइण अ-सिव-कारणे । भणिउ इयरेण - धरणियल-भर-धारणे ॥३०॥
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