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ने मिनाहचरिउ
[११४३] गलिर-उच्छाह
जलिर - पुच्छय सिंधुर वसह य सिव-सह समुल्लसहि निसियर नच्चहि किलकिलहिं भुय साइणि वेयाल | नहर-वग्ग [विवगर्हि य ?] परिसूइय खय-काल ||
૧૮૮
नीसेसु विखयर-जणु अह चारण-समणु इगु विज्जा - साहण- वाउलह सीलालंकिय-तणु दइय
afor-afry rare निवडियउ ।
[११४६]
तयणु पसरिय - गरुय - आर्यकु
केउ - सहसु गयणम्मि फुरियउ ||
मयणाउर -माण सिण
ता मुद्ध अणिच्छिर वि हढिण अवहि-ण्णाणिण मुणिवि इहु aणु अइरिण लंघिय किह-णु
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दुनिमित्त कारणु निहालइ | असुमालि - सविहम्मि साहइ || फुरिय- कित्ति पसरस्सु | खयरह रवितेयस्सु ॥
[११४७]
हरिय विलविर रूव- लुद्वेण
कामरूवि-नामेण खयरिण । भोत्तु आढत्त पाविण ॥ सलु वि धरणिदेण । मह मज्जाय इमेण ॥
[११४८]
जमिह खयरहं सिट्ठि-कालम्मि
नमि-विणमिर्हि पुरउ मई आसि विहिय मज्जाय स-मुहिण । जह हरिय वि पर - रमणि हढिण नेव भोक्तव्व खयरिण ||
ता सव्वेसिव नहयरहं इय चिंतंतिण सलु इहु
करिसु समगु संहारु । किउ अ-निमित्त पयारु ॥
११४५. Line 8 is missing in क. The reading नहयरवग्गह वि.in ख is defective.
[ ११४५
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