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नेमिनाearts
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तयणु दासिहि झत्ति सु-पसन्नु ।
आसत्त- वेणिउ दविणु
चारय- घर - रुध्धु जणु नयर - पहाण आइसिवि विक्कमण - नरवर धरिवि
जणु समग्गु
अत्थाण- मंडव-तलह तोसेंत सुहि-सयण तुरिय-पय- क्खेविण धरणि पत्तउ धरणि-पहु नियय
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वर-वं दणमाल- बहुजण - मणहरि सूइ - घरि पासि निरिक्खिवि अइ-पवरनिवइ करावइ तस्समय
अह गहेविणु
पम्फुल्ल- लोयण-कमलु जह सामिणि तुहुं जि पर एगच्छत्त असेस महि जीए तणुब्भवु जय-पवरु
फुरिय- गरुय - हरिसिण दवाविवि । सयल - महिहिं तक्खणि मुयाविवि ।
सपुर- महूसव- कज्जु । मणि नंदणु निरवज्जु ।
[४४] वि परिविसज्जेवि
तणय- वयण - दंसणि सइत्तउ । बंदि-जगह वहु- दाणु देतउ । पयडिय-परम- सुहंमि । नंदण - जम्म गिर्हमि ॥
[४५ ]
तयणु सत्थिय - मुसल-मंथाण
लोह - रक्ख-मंगल-पईविहि । तणय- रयणु धारिणिहि देविहि । लक्खण- सहस- निहाणु । जोग्गु समग्गु विहाणु ॥
[४६ ] करिहिं सुय-रयणु
भणइ पुरउ नरवई स-दइयह सलहणिज्ज मज्झमि ति जयह । निव - लक्खण-कुल- गेहु । उमेर हु ।
४३. ५. क. महिहि. ख. महिहं. ७. क. सपर; ख. महूस.
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