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________________ १२ नेमिनाearts [४३] तयणु दासिहि झत्ति सु-पसन्नु । आसत्त- वेणिउ दविणु चारय- घर - रुध्धु जणु नयर - पहाण आइसिवि विक्कमण - नरवर धरिवि जणु समग्गु अत्थाण- मंडव-तलह तोसेंत सुहि-सयण तुरिय-पय- क्खेविण धरणि पत्तउ धरणि-पहु नियय Jain Education International 2010_05 वर-वं दणमाल- बहुजण - मणहरि सूइ - घरि पासि निरिक्खिवि अइ-पवरनिवइ करावइ तस्समय अह गहेविणु पम्फुल्ल- लोयण-कमलु जह सामिणि तुहुं जि पर एगच्छत्त असेस महि जीए तणुब्भवु जय-पवरु फुरिय- गरुय - हरिसिण दवाविवि । सयल - महिहिं तक्खणि मुयाविवि । सपुर- महूसव- कज्जु । मणि नंदणु निरवज्जु । [४४] वि परिविसज्जेवि तणय- वयण - दंसणि सइत्तउ । बंदि-जगह वहु- दाणु देतउ । पयडिय-परम- सुहंमि । नंदण - जम्म गिर्हमि ॥ [४५ ] तयणु सत्थिय - मुसल-मंथाण लोह - रक्ख-मंगल-पईविहि । तणय- रयणु धारिणिहि देविहि । लक्खण- सहस- निहाणु । जोग्गु समग्गु विहाणु ॥ [४६ ] करिहिं सुय-रयणु भणइ पुरउ नरवई स-दइयह सलहणिज्ज मज्झमि ति जयह । निव - लक्खण-कुल- गेहु । उमेर हु । ४३. ५. क. महिहि. ख. महिहं. ७. क. सपर; ख. महूस. For Private & Personal Use Only [४३ www.jainelibrary.org
SR No.002609
Book TitleNeminahacariya Part 1
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorH C Bhayani, Madhusudan Modi
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1970
Total Pages450
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size16 MB
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