SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 212
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ७९१] १९९ तइयभवि चित्तगइवुत्तंतु [७८७] इय तुहक्खिय मई समासेण जा चारण-मुणि-रयण- पुरउ आसि निस्सुय पहाणिय । कुरु-वंस-सिरोमणिहि चउथ-चक्कवट्टिहि कहाणिय ॥ अह निसुणिवि मागह-मुहिण गुरु-विम्हय-लय-कंद । सणतुकुमार-महानिवह कह कय-भुवणाणंद ॥ [७८८] पुव्व-नरवर-चारु-चारित्तआयण्णण-उल्लसिय- हरिस-भरिण धर-पवर-चरिइण । सिरि-सूरतेयंगइण तेण चित्तगइ-नाम-पयडिण ॥ वियरेविणु तसु मागहह वहु-परिओसिउ दाणु । गुरु-भत्तिण नहयर-सहहं ललइ सु सु-गुण-निहाणु ॥ [७८९]* [७९० तयणु तं चिय चरिउ सुमरंतु गिजंतु खयरंगण हिं वड्ढमाण-चंछिय-समिद्धिउ । पणमंत परिपंथि-कुलु उल्लसंत-बहु-विज्ज-सिद्धिउ ॥ मणगइ-चवलगइहिं जुयउ सहियउ रयणवईए । कुमर-रयणु सिरि-चित्तगइ तूसिउ विमलमईए ॥ [७९१] विसय सेवइ दलई रिउ-दप्पु सुस्सूसइ गुरु-चलण ललइ सुहिहिं नमणिज्ज पणमइ । अणुसासइ पणइ-यणु जणइ सुत्थु सयलम्मि जणवइ । वंदइ सासय-चेइयई केवलि-वयणु सुणेइ । नमइ मुणिहिं साहम्मियह पुणु सम्माणु कुणेइ ॥ ७८७. ८. क. सणतुकुमारु. *७८९. is missing in क. and ख. ____Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002609
Book TitleNeminahacariya Part 1
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorH C Bhayani, Madhusudan Modi
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1970
Total Pages450
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy