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________________ ૮૯ नेमिनाहचरिउ [७४६] सालि - सिहरिणि सूव-पक्कन्न महु - सप्प-तीमण - दहियलहु महुर- कसाय- कडुनिवइ - निउत्तय-माण विहिं निष्फाइय अइरिण- जणिय अक्खोड - दाडिम- कलमघय उन्ह लवण-स्सिरिय वर सुकुमारिय सक्कुलिय वेज्ज - विहिण भुंजय जुइण Jain Education International 2010_05 दुद्ध-पउर-पाणय सु-वंजण | तित्त-लवण-हिय भुवण - रंजण || [७४७] तयणु सक्कर- दक्ख-खज्जूर जंवीरिय-जाइफल - कक्कोलय-पूगिफलजहरिहु वियरिय सेवयहं तयणंतरु तिण गहिय-रस रसवइ सुह-सय- लब्भ । वुड्ढि धाउ - संदब्भ ॥ सालि-दालि - वंजण- सुसक्किय । सुहि-सेव-मोयग-मुरुक्किय ॥ मंडिय भुडुहुडिया य । चक्कत्रइण भुत्ता य ॥ [७४८] अह लवंगय- एल - घणसार तय- तमाल-दल- जाइवत्तिय । नागवल्लि - कप्पूर - वत्तिय ॥ नमिरुत्तिम अंगाई । इय-सयलहं भोगाई || [ ७४९] तयणु मिगमय- परिमलुग्गारहरियंदण- घुसिण- सिरिखंड-अगुरु-कप्पूर- पंकिण | सयवत्ति-चंपय-करुणिसुकय- विवाग - सहस्स भवु अलग्गाविवि आहरण ७४७, १. क. सक्क. जाइ - कुसुम-दल-परिमलंकिण || करिवि विलेवणु अंगि । सुर- विइण्ण सव्वंगि ॥ For Private & Personal Use Only [ ७४६ www.jainelibrary.org
SR No.002609
Book TitleNeminahacariya Part 1
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorH C Bhayani, Madhusudan Modi
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1970
Total Pages450
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size16 MB
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