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नेमिनाहचरिउ
[७४६] सालि - सिहरिणि सूव-पक्कन्न
महु - सप्प-तीमण - दहियलहु महुर- कसाय- कडुनिवइ - निउत्तय-माण विहिं निष्फाइय अइरिण- जणिय
अक्खोड - दाडिम- कलमघय उन्ह लवण-स्सिरिय वर सुकुमारिय सक्कुलिय वेज्ज - विहिण भुंजय जुइण
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दुद्ध-पउर-पाणय सु-वंजण | तित्त-लवण-हिय भुवण - रंजण ||
[७४७]
तयणु सक्कर- दक्ख-खज्जूर
जंवीरिय-जाइफल - कक्कोलय-पूगिफलजहरिहु वियरिय सेवयहं तयणंतरु तिण गहिय-रस
रसवइ सुह-सय- लब्भ । वुड्ढि धाउ - संदब्भ ॥
सालि-दालि - वंजण- सुसक्किय । सुहि-सेव-मोयग-मुरुक्किय ॥ मंडिय भुडुहुडिया य । चक्कत्रइण भुत्ता य ॥
[७४८]
अह लवंगय- एल - घणसार
तय- तमाल-दल- जाइवत्तिय । नागवल्लि - कप्पूर - वत्तिय ॥ नमिरुत्तिम अंगाई । इय-सयलहं भोगाई ||
[ ७४९]
तयणु मिगमय- परिमलुग्गारहरियंदण- घुसिण- सिरिखंड-अगुरु-कप्पूर- पंकिण | सयवत्ति-चंपय-करुणिसुकय- विवाग - सहस्स भवु अलग्गाविवि आहरण
७४७, १. क. सक्क.
जाइ - कुसुम-दल-परिमलंकिण || करिवि विलेवणु अंगि । सुर- विइण्ण सव्वंगि ॥
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