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[१५] नियय-भुय-वल- दलिय - दुर्द्दत
पडिवक्खिय-करडि-घडु पवर- रूव-परिविजिय-मुरवरु । उल्ला सिय-सरय-ससि- विमल-कित्ति धवलिय- दियंतरु । दुन्नय-पर- नरवइ - निवह- हियय - डहण - हुयवाहु | विकमघण-नामिण पयडु तहिं अहेसि नरनाहु ||
[१६]
महुर-वयणिण विजिउ कलहंसु
करि-कलहु
वर-गमणिण निय-रूविण नयण - विलासिण रंभ तिलोत्तिम हरि-दइय
मयण - पिय सिसु-हरिणि
भुवणुत्तिम-कित्ति धर मिय-भासिर थिर - गमिर नरवइ - माणस - मयगलह धारिणि - नाम अहेसि पिय
[१७]
सा कुलायल - तुंग- वर स
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सत्थत्थ- पयडण- तरणि अइ-दुद्धर - रिउ - करडिसंपीणिय-निय पण इ-जणु राय - कज्ज-उज्जुत्त- मणु
रणि-रमणु पुणु वयण-कंतिण ।
हंसासणि सिय-दंत-पंतिण | सीलिण सीयाएवि । जिए जिय लीलाए वि ॥
पीण - सिहिण-भारिण नयंगिय । विमल-सयल-गुण- रयण - चंगिय | संजमणाल-त्थंभु | मयण- विजय - आरंभु ॥१७॥
नी- कुमुइणि
[१८] सरय- रयर्णिदु
निवइ - हियय- कलहंस - सरवरु । तुरय- सुहड-रह-गुरु-भयंकरु | तरुणी- यण-कय-तोसु | दूर -पणासिय-दोसु ॥
हंससेणि सियण पयड ( cf. 16, 4-5 below) सेजमणात्थंभु.
१५. ८. विक्कमधणनाथयण पिय १७. १. साहु. ३. केतिधर. ७. १८. २. सायरय. ६ सेपीणिय ७. क. यणु.
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