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________________ तथा हि [११] इह मुर्णिमि व सुप्पवित्तंमि मेरुमि व विवुह-सुहि कामुए व्व सायर-विहूसणि । सरियंमि व नय-गहणि जंबुदीवि महि-रमणि-मंडणि । गणियाए व्व समुल्लसिय- विसय-ग्गाम-समिद्धि । वासि वसुंधर-सिरि तिलई भरह-क्खेत्ति पसिद्धि ॥ [१२] एत्थ सुरगिरि-तुंग-पायारु आराम-तरु-सिहर-गय- रवि-तुरंग-हेसिय-सुहावहु । एरावइ-सरिस-करि- सय-सहस्स-संकिण्ण-पुर-पहु । जच्च-तुरंगम-संदणिहिं खुहिय-खोणि-पडिवक्खु । भवण-णिवेस समिद्धि-सुर- पुर-सिरि-चोरण-दक्खु ॥ [१३] तरुण-सुंदरि-वयण-हरिणक मुसुमूरिय-तिमिर-भरु गरुय-तेय-निव-तरणि-मणहरु । महि-मंडण-जिणभवण- कणय-कलस-किरणोलि-भासुरु । आसि विहव-जिय-वेसमण- वहु-वणि-वग्ग-समिद्ध । धरणि-नियंविणि-तिलउ पुरु अयलपुरु-त्ति पसिद्ध ॥ [१४] तेइ दिणयरु दाणि करि-राउ गरुयत्ति तियसिंद-गिरि धम्मि समणु विण्णाणि पुण विहि । सूरत्तणि खर-नहरु रूवि मयणु लायण्णि जलनिहि । गुरुयण-विणय-प्पमुह-गुण- गण-कंचण-कसवडे । महि-विलसिर-कुनराहिवइ- दुन्नय-दलण-घरटु ॥ ११. ८. वसुंवर. १२. ५. पुरहु. ६. क. संदणिहि. ९. चोरणक्खु. १३. ३. तिय; मणहर. ६. जिणय. ____Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002609
Book TitleNeminahacariya Part 1
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorH C Bhayani, Madhusudan Modi
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1970
Total Pages450
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size16 MB
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