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________________ ६०१ ] तइयभवि चित्तगइवुत्तति सणतुकुमाररिचउ १५१ [५९८ ] ईसि विहसिर किंचि नमिरंग चलणंगुलि-लिहिय-महि पाणि- पउम संवरिय- अंबर | चलियाहर- पल्लविय फुरियनयण - आणंद - जल-भर ॥ खलिक्खर - गग्गर- गिरिहिं किंचि विया सिय- अत्थ । मुद्ध पपइ सिर-उवरि परिसज्जिय नेवत्थ ॥ [५९९] सुहय संपइ पसिय मह उवरि एत्तो च्चिय चुय चणह नाइदूर - देसोवसंठिउ । सुर- किन्नर-नर-महिय- मलय-निलय- देउल-गरिडिउ || पिय संगम - अहिलास इय नामिण पत्त-पसिद्धि । चिट्ठ विज्जाहर-नयरु पसरिय-गरुय-समिद्धि [६००] तर्हि कियंतु विकाल आगंतु वो मिउण निय-तणुहु ता सयमवि होइस अह तार्सि चिय कामिणिहिं निव धवलहरि कुमरु गयउ Jain Education International 2010_05 raete गरुरु परिस्समु । तुम्ह एय- वृत्तंत- अवगमु || कंचुगि-दं सिय- मग्गु । अइ-विहिय सव्वंगु ॥ [६०१] तयणु तपुर- सामि- नरवरिण सिरि-भाणुवेगाभिहिण उट्ठऊण अभिमुह कयायरु । सीहासणि निय-करिण अह सिरि कय- करयंजलिण भणिउ - कुण संतोषु मह ५९८. ६. क. गिरिहि, ख. गिरहिं. ६०० ६ क. कामिणिहि. ६०१. ८. क. कुण. ठविउ कुमर गुण - रयण - सायरु || गुरु पडिवत्ति करेवि । धूय अट्ठ परिवि | For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002609
Book TitleNeminahacariya Part 1
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorH C Bhayani, Madhusudan Modi
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1970
Total Pages450
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size16 MB
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