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________________ नेमिनाहचरिउ [४८२] तयणु चंपय - चारु सहयार नालियर - असोय- सिरिखंड- पमुह-विड विहिं विचित्तहं । वित्थरंत फल - कुसुम-पत्तहं ॥ पेक्खंत वसंत - सिरि एत्यंतरि वियसिय-वयणु पहु आएस- समीहु | सणतुकुमारिण स-हरसिण भणिउ महिंदस्सीहु || १२२ [४८३] मलय- मारुय - पसर-घरिसणिण नीलुप्पल-पत्तु जिह तं मन्नउं मण - पियह ता अणुमन्नि निय- सुहिण मयणाययण-दुवारि । सणतुकुमारु पहुत्तु कय बहु-मंगल-आयारि || बहु- सहि- यण- परियरिय चुंटती माल हि दंसण- मित्तत्तावियहं आससेण नरवइ- सुइण फुरइ मज्झ जं नयणु दाहिणु । जगह कसु विदंसणह साहिणु ॥ [४८४] एत्थ - अंतरि विहिय- सिंगार Jain Education International 2010_05 फुरिय-कंति- सव्वंग- सुंदर । कुसुम ललिय खोहिय- पुरंदर || तरुणहं हरिय-विवेग | दिट्ठ नियंचिणि एग ॥ [४८५] अह तुमं चिय जाइ जाया सि संजाय जीए हु इय चिंतह अहि sure वि राय महिय संजुत्त - कुसुम-स्सिरिहिं मज्झि लयहं एयहं पहाणीं । पाणि- फरि फल तरुणि रयणहं अणिमिस नयण - जुयस्सु । खिविय दिट्ठि कुमरस्सु || ४८१. ७. तुरय- रयणेहिं missing. ९. क. पढिरिहि. ४८४. ६. क. नाम added marginally and not clearly legible, ख. missing. [ ४८२ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002609
Book TitleNeminahacariya Part 1
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorH C Bhayani, Madhusudan Modi
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1970
Total Pages450
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size16 MB
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