SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 421
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ FOR9555555555555555 (५) भगवई ८ सनं उ.५ [१०९] 5555555555555520 अजायं चरइ' ? गोयमा ! तस्स णं एवं भवइ णो मे माता, णो मे पिता, णो मे भाया, शो मे भगिणी, णो मे भज्जा, णो मे पुत्ता, णो मे धूता, नो मे सुण्हा, पेजबंधणे पुण से अव्वोच्छिन्ने भवइ, से तेणटेणं गोयमा ! जाव नो अजाय चरइ। [सु. ६-८. पच्चाइक्खमाणस्स समणोवासयस्स तीत-पडुप्पन्न-अणागय-थूलगपाणाइवायाइ पडुच्च पडिक्कमण-संवरण-पच्चक्खाणरूवा वित्थरओ तिविह-तिविहाइभंगपरूवणा] ६. (१) समणोवासगस्सणं भंते ! पुव्वामेव थूलए पाणातिवाते अपच्चक्खाए भवइ, से णं भंते ! पच्छा पच्चाइक्खमाणे किं करेति ? गोयमा ! तीतं पडिक्कमति, पडुप्पन्नं संवरेति, अणागतं पच्चक्खाति। (२) तीतं पडिक्कममाणे किं तिविहं तिविहेणं पडिक्कमति १, तिविहं दुविहेणं पडिक्कमति २, तिविहं एगविहेणं पडिक्कमति ३, दुविहं तिविहेणं पडिक्कमति ४, दुविहं दुविहेणं पडिक्कमति ५, दुविहं एगविहेणं पडिक्कमति ६, एक्कविहं तिविहेणं पडिक्कमति ७, एक्कविहं दुविहेणं पडिक्कमति ८, एक्कविहं एगविहेणं पडिक्कमति ९ ? गोयमा ! तिविहं वा तिविहेणं पडिक्कमति, तिविहं वा दुविहेणं पडिक्कमति तं चेव जाव एक्कविहं वा एक्कविहेणं पडिक्कमति । तिविहं वा तिविहेणं पडिक्कममाणे न करेति, न कारवेति, करेंतं णाणुजाणति, मणसा वयसा कायसा १ । तिविहं दुविहेणं पडिक्कममाणे न करेति, न कारवेति, करेंतं नाणुजाणति, मणसा वयसा २; अहवा न करेति, न कारवेति, करेंतं नाणुजाणति, मणसा कायसा ३; अहवा न करेइ, न कारवेति, करेंतं णाणुजाणति, वयसा कायसा ।तिविहं एगविहेणं पडिक्कममाणे न करेति, न कारवेति, करेंतणाणुजाणति, मणसा ५; अहवा न करेइ, ण कारवेति, करेंतं णाणुजाणति, वयसा ६; अहवा न करेति, न कारवेति, करेंतं णाणुजाणति, कायसा ७ । दुविहं तिविहेणं पडिक्कममाणे न करेइ, न कारवेति, मणसा वयसा कायसा ८; अहवा न करेति, करेंतं नाणुजाणइ, मणसा वयसा कायसा ९; अहवा न कारवेइ, करेंतं नाणुजाणइ, मणसा वयसा कायसा १०॥ दुविहं दुविहेणं पडिक्कममाणे न करेति न कारवेति, मणसा वयसा ११; अहवा न करेति, न कारवेति, मणसा कायसा १२; अहवा न करेति, न कारवेति, वयसा कायसा १३; अहवा न करेति, करेंतं नाणुजाणइ, मणसा वयसा १४, अहवा न करेति, करेंतं नाणुजाणइ, मणसा कायसा १५, अहवा न करेति, करेंतं नाणुजाणति, वयसा कायसा १६; अहवा न कारवेति, करेंतं नाणुजाणति मणसा वयसा १७; अहवा न कारवेइ, करेंतं नाणुजाणइ, मणसा कायसा १८; अहवा न कारवेति, करेंतं नाणुजाणइ वयसा कायसा १९ । दुविहं एक्कविहेणं पडिक्कममाणे न करेति, न कारवेति, मणसा २०; अहवा न करेति, न कारवेति वयसा २१; अहवा न करेति, न कारवेति कायसा २२; अहवा न करेति, करेंतं नाणुजाणइ, मणसा २३; अहवा न करेइ, करेंतं नाणुजाणति, वयसा २४; अहवा न करेइ, करेंतं नाणुजाणइ, कायसा २५; अहवा न कारवेइ, करेंत नाणुजाणइ, मणसा २६; अहवान कारवेइ, करेंतं नाणुजाणइ, वयसा २७; अहवा न कारवेइ, करेंत नाणुजाणइ, कायसा २८ । एगविहं तिविहेणं पडिक्कममाणे न करेति, मणसा वयसा कायसा २९; अहवा न कारवेइ मणसा वयसा कायसा ३०; अहवा करेंतं नाणुजाणति मणसा वयसा कायसा ३१; एक्कविहं दुविहेणं पडिक्कममाणे न करेति मंणसा वयसा ३२; अहवा न करेति मणसा कायसा ३३; अहवा न करेइ वयसा कायसा ३४; अहवा न कारवेति मणसा वयसा ३५, अहवा न कारवेति मणसा कायसा ३६; अहवा न कारवेइ वयसा कायसा ३७; अहवा करेंतं नाणुजाणति मणसा वयसा ३८; अहवा करेंतं नाणुजाणति मणसा कायसा ३९; अहवा करेंतं नाणुजाणइ वयसा कायसा ४० । एक्कविहं एगविहेणं पडिक्कममाणे न करेति मणसा ४१; अहवा न करेति वयसा ४२; अहवा न करेति कायसा ४३, अहवा न कारवेति मणसा ४४; अहवा न कारवेति वयसा ४५; अहवा न कारवेइ कायसा ४६; अहवा करेंतं नाणुजाणइ मणसा ४७; अहवा करेंतं नाणुजाणति वयसा ४८; अहवा करेंतं नाणुजाणइ कायसा ४९। (३) पडुप्पन्नं संवरमाणे किं तिविहं तिविहेणं संवरेइ ? एवं जहा पडिक्कममाणेणं एगूणपण्णं भंगा भणिया एवं संवरमाणेण वि एगणपण्णं भंगा भाणियव्वा । (४) अणागतं पच्चक्खमाणे किं तिविहं तिविहेणं पच्चक्खाइ ? एवं ते चेव भंगा एगूणपण्णं भाणियव्वा जाव अहवा करेंतं नाणुजाणइ कायसा। ७. समणोवासगस्स णं भंते ! पुव्वामेव थूलमुसावादे अपच्चक्खाए भवइ, सेणं भंते ! पच्छा पच्चाइक्खमाणे एवं जहा पाणाइवातस्स सीयालं भंगसतं (१४७) भणितं तहा मुसावादस्स वि भाणियव्वं । ८. एवं अदिण्णादाणस्स वि । एवं थूलगस्स मेहुणस्स वि । थूलगस्स परिग्गहस्स वि जाव अहवा करेंतं नाणुजाणइ कायसा। सु. ९. समणोवासग-आजीवियोवासगाणं भिन्नतानिद्देसो] ९. एए खलु एरिसगा समणोवासगा भवंति, ror 9 555555555555श्री आगमगुणमंजूषा - ३२४ 5555555555555555 59555555555555555555555555555555555555555555555555fbiog HORO55555555555555555555555555555555555555 $$$exas
SR No.002601
Book TitleAgam Guna Manjusha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGunsagarsuri
PublisherJina Goyam Guna Sarvoday Trust Mumbai
Publication Year1999
Total Pages1868
LanguagePrakrit, Gujarati, Hindi, English
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size85 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy