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________________ FOR955555555555 (३९.२) दसासुयक्खंध कप्पसूर्य (बारसासूत्र) [२५] 95555%88%EXIRONOR OTO乐乐乐乐乐乐乐乐乐明乐开玩乐明明明明明明明明 乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐听听听听听听听听国乐MVC पडिगाहिआ सिया कप्पइ से तद्दिवसं तेणेव भत्तद्वेणं पज्जोसवित्तए, नो से कप्पइ दुच्चंपि गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा ।।२६।। वासावासं पज्जोसवियाणं नो कप्पइ निग्गंथाण वा निग्गंथीणं वा जाव उवस्सयाओ सत्तघरंतरं संखडिं संनियट्टचारिस्स इत्तए, एगे एवमाहु-नो कप्पइ जाव उवस्सयाओ परेण सत्तघरंतरं संखडिं संनियट्टचारिस्स इत्तए, एगे पुण एवमाहंसु-नो कप्पइ जाव उवस्सयाओ परंपरेणं संखडिं संनियट्टचारिस्स इत्तए॥२७॥ वासावासं पज्जोसवियस्स नो कप्पइ पाणिपडिग्गहियस्स भिक्खुस्स कणगफुसियमित्तमवि वुट्ठिकार्यसि निवयमाणंसि जाव गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा ॥२८॥ वासावासं पज्जोसवियस्स पाणिपडिग्गहियस्स भिक्खुस्स नो कप्पइ अगिहंसि पिंडवायं पडिगाहित्ता पज्जोसवित्तए, पज्जोसवेमाणस्स सहसा वुट्ठिकाए निवइज्जा देसं भुच्चा देसमादाय से पाणिणा पाणि परिपिहित्ता उरंसि वाणं निलिज्जज्जा, कक्खंसि वा णं समाहडिज्जा, अहाछन्नाणि वा लेणावि वा उवागच्छिज्जा, रुक्खमूलाणि वा उवागच्छिज्जा जहा से पाणिसि दए वा दगरए वा दगफुसिआ वा नो परिआवज्जइ ॥२९।। वासावासं पज्जोसवियस्स पाणिपडिग्गहियस्स भिक्खुस्स जं किंचि कणगफुसियमित्तंपि निवडति, नो से कप्पइ गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा ||३०|| वासावासं पज्जोसवियस्स पडिग्गहधारिस्स भिक्खुस्स नो कप्पइ वग्घारियवुट्ठिकायंसि गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा, कप्पइइ अप्पवुट्टिकायंसि संतरुत्तरंसि गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा ॥३१॥ (ग्रं. ११००) वासावासं पज्जोसविअस्स निग्गंथस्स निग्गंथीए वा गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए अणुपविट्ठस्स निगिज्झिय २ वुट्ठिकाए निवइज्जा, कप्पइ से अहे आरामंसि वा अहे उवस्सयंसि वा अहे वियडगिहंसि वा अहे रुक्खमूलंसि वा उवागच्छित्तए॥३२॥ तत्थ से पुव्वागमणेणं पुव्वाउत्ते चाउलोदणे पच्छाउत्ते भिलिंगसूवे, कप्पइ से चाउलोदणे पडिगाहित्तए, नो से कप्पइ भिलिंगसूवे पडिगाहित्तए॥३३॥ तत्थ से पुव्वागमणेणं पुव्वाउत्ते भिलिंगसूवे पच्छाउत्ते चाउलोदणे, कप्पइ से भिलिंगसूवे पडिगाहित्तए, नो से कप्पइ चाउलोदणे पडिगाहित्तए ॥३४॥ तत्थ से पुव्वागमणेणं दोऽवि पुव्वाउत्ताइं कप्पंति से दोऽवि पडिगाहित्तए, तत्थ से पुव्वागमणेणं दोऽवि; पच्छाउत्ताई, एवं नो से कप्पंति दोऽवि पडिगाहित्तए, जे से तत्थ पुव्वागमणेणं पुव्वाउत्ते से कप्पइ पडिगाहित्तए, जे से तत्थ पुव्वागमणेणं पच्छाउत्ते नो से कप्पइ पडिगाहित्तए ॥३५॥ वासावासं पज्जोसवियस्स निग्गंथस्स निग्गंथीए वा गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए अणुपविट्ठस्स निगिज्झिय २ वुट्टिकाए निवइज्जा, कप्पड़ से अहे आरामंसि वा अहे उवस्सयंसि वा अहे वियडगिहंसि वा अहे रुक्खमूलंसि वा उवागच्छित्तए, नो से कप्पइ पुव्वगहिएणं भत्तपाणेणं वेलं उवायणावित्तए, कप्पइ से पुव्वामेव वियडंग भुच्चा (पिच्चा) पडिग्गहगं संलिहिय २ संपमज्जिय २ एगाययं भंडगं कट्ट सावसेसे सूरे जेणेव उवस्सए तेणेव उवागच्छित्तए, नो से कप्पइ तं रयणि तत्थेव उवायणावित्तए॥३६|| वासावासं पज्जो सवियस्स निग्गंथस्स निग्गंथीए वा गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए अणुपविट्ठस्स निगिज्झिय २ वुट्टिकाए निवइज्जा, कप्पइ से अहे आरामंसि वा अहे उवस्सयंसि वा अहे वियडगिहंसि वा अहे रुक्खमूलंसि वा उवागच्छित्तए ॥३७|| तत्थ नो कप्पइ एगस्स निग्गंथस्स एगाए य निग्गंथीए एगयओ चिट्ठित्तए १, तत्थ नो कप्पइ एगस्स निग्गंथस्स दुण्हं निग्गंथीणं एगयओ चिट्ठित्तए २, तत्थ नो कप्पइ दुण्हं निग्गंथाणं एगाए य निग्गंथीए एगयओ चिट्ठित्तए ३, तत्थ नो कप्पइ दुण्हं निग्गंथाणं दुण्हं निग्गंथीण य एगयओ चिट्ठित्तए ४, अत्थि य इत्थ केइ पंचमे खुड्डए वा खुड्डियाइ वा अन्नेसिं वा संलोए सपडिदुवारे ॥ एव ण्हं कप्पइ एगयओ चिट्ठित्तए ।।३८।। वासावासं पज्जोसवियस्स निग्गंथस्स गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए अणुपविट्ठस्स निगिज्झिय २ वुट्ठिकाए निवइज्जा, कप्पइ से अहे आरामंसि वा अहे उवस्सयंसि वा अहे वियडगिहंसि वा अहे रुक्खमूलंसि वा उवागच्छित्तए, तत्थ नो कप्पइ एगस्स निग्गंथस्स एगाए य अगारीए एगयओ चिट्ठित्तए, एवं चउभंगी, अत्थि णं इत्थ केइ पंचमए थेरे वा थेरियाइ वा अन्नेसिं वा संलोए सपडिदुवारे, एवं कप्पइ एगयओ चिट्ठित्तए । एवं चेव निग्गंथीए फ अगारस्सय भाणियव्वं ||३९|| वासावासं पज्जोसवियाणं नो कप्पइ निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा अपरिण्णएणं अपरिणयस्स अट्ठाए असणं वा १ पाणं वा २ खाइम 乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 xoxo #5 5 श्री आगमगुणमंजूषा - १५६७ 95555 55555555$OOR
SR No.002601
Book TitleAgam Guna Manjusha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGunsagarsuri
PublisherJina Goyam Guna Sarvoday Trust Mumbai
Publication Year1999
Total Pages1868
LanguagePrakrit, Gujarati, Hindi, English
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size85 MB
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