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________________ (३९/१) दसासूयक्खंध छेयसुत्त (६) दसा - ७ ) $$$$%%%OPCOM $ सत्तराइंदिया अहारोइं- (२४६) दिया एगराइंदिया भिक्खुपडिमा ।३१। मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स अणगारस्स निच्चं वोसठ्ठकाए चियत्तदेहे जे कई उवसग्गा उप्पज्जति तं०-दिव्वा वा माणुसा वा तिरिक्खजोणिया वा ते उप्पण्णे सम्म सहति खमति तितिक्खति अहियासेति, मासियं णं भिक्खुपडिम पडिवण्णस्स अणगारस्स कप्पइ एगा दत्ती भोयणस्स पडिगाहित्तए एगा पाणगस्स, अण्णाउंछं सुद्धोवहडं निहित्ता बहवे दुप्पयचउप्पयसमणमाहणअतिहिकिविणवणिमगा, कप्पइ से एगस्स भुजमाणस्स पडिगाहित्तए, णो दुण्हं णो तिण्हं णो चउण्ह णो पंचण्हं णो गुब्विणीए णो बालवच्छाए णो दारगं पेजमाणीए नो अंतो एलुयस्स दोवि पाए साहटु दलमाणीए नो बाहिं एलुयस्स दोवि पाए साहट्ट दलमाणीए, एगं पाए अंतो किच्चा एगं पायं बाहिं किच्चा एलुयं विक्खंभइत्ता एवं दलयति एवं से कप्पति पडिगाहित्तए, एवं से नो दलयति एवं से नो कप्पइ पडिगाहित्तए, मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवण्णस्स अणगारस्स तओ गोयरकाला पं० त०-आदिसे मज्झिमे चरिमे, आदि चरेज्जा णो मज्झे चरिज्जा णो चरिमे चरिज्जा, मज्झे चरेज्जा नो आइ चरेज्जा नो चरिमे चरेज्जा, चरिमं चरेज्जा नो आदिम चरेजा नो मज्झे चरेज्जा, मासियं णं भिक्खुपडिम पडिवण्णस्स अणगारस्स छव्विहा गोयरचरिया पं० २०-पेला अद्धपेला गोमुत्तिया पयंगवीथिका संबुकावट्टा गंतुंपच्चागया, मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवण्णस्स अणगारस्स जत्थ णं केइ जाणति कप्पइ से तत्थ एगराइयं वसित्तए, जत्तणं केइ न जाणइ से कप्पति तत्थ एगरायं वा दुरायं वा वसित्तए, नो कप्पइ एगरायाओ वा दुरायाओ वा परं वत्थए, जंतत्थ एगरायाओ वा दुरायाओ वा परं वसति से संतरा छेदे वा परिहारे वा, मासियं णं भिक्खुपडिम पडिवण्णस्स कप्पंति चत्तारि भासाओ भासित्तए तं०-जायणी पुच्छणी अणुण्णवणी पुठ्ठस्स वागरणी, मासियं णं भिक्खुपडिम पडिवण्णस्स० कप्पंति तओ उवस्सगा पडिलेहित्तए तं०- अहे आरामगिह अहे वियडगिह अहे रूक्खमूलगिहं, मासियण्णं०कप्पइतओ उवस्सया उवायणावित्तएतं चेव, मासियं णं० कप्पइ तओ संथारगा पडिलेहित्तए तं०-अहे पुढवीसिलं वा कठ्ठसिलं वा आहासंथडमेव, मासियं णं भिक्खुपडिम पडिवण्णस्स कप्पइ तओ संथारा अणुण्णवेत्तए तं चेव, मासियं णं० कप्पंति तओ संथारा ओवायणावित्तए तं चेव, मासियं० इत्थी उवस्सयं उवागच्छिज्जा से इत्थी एवं पुरिसे णो से कप्पइ तं पडुच्च निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा, मासियं० जाव पडिवण्णस्स केइ उवस्सयं अगणिकाएण झामेज्जा नो से कप्पइ तं पडुच्च निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा, तत्थ णं केइ वधाय असिंगहाय आगच्छेज्जा जाव से नो कप्पइ पडुच्च अलंबित्तए वा पलंबित्तए वा, कप्पइ से आहारियं रीइत्तए, मासियं णं भिक्खुपडिमं जाव पायंसि थाणू वा कंटए वा हीरए वा सक्करा वा अणुपविसेज्जा नो कप्पइ से नीहरित्तए वा विसोहित्तए वा कप्पइ से आहारियं रीइत्तए, मासियं णं जाव अच्छिसि वा० पाणाणि वा बीयाणि वा रए वा परियावज्जिज्जा नो से कप्पइ नीहरित्तए वा विसोहित्तए वा, कप्पइ से आहारीय रीइत्तए, मासियं णं० जत्थेव सूरिए अत्थमज्न तत्थेव जलंसि वा थलंसि वा दुग्गंसि वा निण्णंसि वा पव्वयंसि वा विसमंसि वा गड्डाए वा दरीए वा कप्पइ से तं रयणिं तत्थेव उवायणावित्तए, नो से कप्पइ पदमवि गमित्तए, कप्पइ से कल्लं पाउप्पभायाए रयणीए जाव जलते पाईणाभिमुहस्स वाद हिणाभिमुहस्स वा पडीणाभिमुहस्स वा उत्तराभिमुहस्स वा आहारीयं रीइत्तए, मासियं णं० नो कप्पइ अणंतरहियाए पुढवीए निद्दाइत्तए वा पयलाइत्तएवा, केवली बूया-आदाणमेयं, सेतत्थ निद्दायमाणे वा पयलायमाणे वा हत्थेहिं भूमि परामुसेज्जा अहाविधिमेव ठाणं ठाइत्तए निक्खमित्तए वा, उच्चारपासवणेणं उब्बाहिज्जेज्जा नो से कप्पइ ओगिण्हित्तए, कप्पइ से पुव्वपडिलेहितए थंडिले उच्चारपासवणं परिठ्ठवित्तए, तमेव उवस्सयं आगम्म अहाविधिं ठाणं ठाइत्तए, मासियं० नो कप्पइ ससरक्खेहिं पाएहिं (काएहिं प्र०) गाहावइकुल भत्ताए वा पाणाए वा नि० पवि०, अह पुण एवं जाणेज्जा-स सरक्खे सेअत्ताए वा जल्लत्ताए वा मलत्ताए वा पंकत्ताए वा विद्धत्थे (परिणए) से कप्पइ गाहावइकुल भत्ताए वा पाणाए वा निक्ख० पवि०, मासियं० नो कप्पइ सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा हत्थाणि वा पायाणि वा दंताणि वा अच्छीणि वा मुह वा उच्छोलित्तए वा पधोवित्तए वा णण्णत्थ लेवालेवेण वा, मासियं णं० ना कप्पइ आसस्स वा हत्थिस्स वा गोणस्स वा महिसस्स वा कोलस्स वा साणस्स वा (कोलसुणगस्स वा) दुठुस्स वा वग्घस्स वा० आवडमाणस्स पदमवि पच्चोसक्कित्तए, अदुठुस्स आवडमाणस्स कप्पति जुगमित्तं पच्चोसक्कित्तए, मासियं णं० नो कप्पइ छायाओ सीयंति उण्हं इत्तए उपहाओ उण्हति नो छायं एत्तए, जं जत्थ जया सिया तं तत्थ अहियासए, एवं Yo555555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - १५३५5555555555555555555555555OOK G7955555555555555555555555555555555555555555555555552 O %%%%%%%%%%%%%%%%%$$$ %%%% 听% 场 On Education Intema tiona20100%
SR No.002601
Book TitleAgam Guna Manjusha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGunsagarsuri
PublisherJina Goyam Guna Sarvoday Trust Mumbai
Publication Year1999
Total Pages1868
LanguagePrakrit, Gujarati, Hindi, English
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size85 MB
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