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________________ ४४२ ऐतिहासिक जैन काव्य संग्रह जिणिंदु जीपद जईसू जेत्र ३७७ छटा, छांटा जालवइए ११३ जलाना छपदा ३५२ षट्पद्, छप्पय जालवीजइ ३९३ सुरक्षित छयल १५०,३५० रसिक रखना संभाछलियइ ३७९ छलना लना छविह २४ छ प्रकार जाह ३७० जिसके छातिया १०४ छाती,वक्षस्थल जिणवरु ३६६ जिनवर जिगवय २५ जिनपति जइणा २४ यतना ३६६ जिनेश्वर देव जईसर ३१२ यतीश्वर ३५२ जीतता है १६ यतीश जीह २५८ जिह्वा जउख ८२ आनंद, विश्राम जुग पवरु ३ युग प्रवर जगत्र ३१८ जगत जुग पहाण २२ युगप्रधान जगीश ८२,१०७,४१० इच्छा जुगवर २४ युगमेंश्रेष्ठउत्तम जत्थ २४ जहां ९७ जय सूचक जमाडि २८९ जिमाकर जोइणि २ योगिनी जम्पइ १६३, ३३९ कहता है जोडली ३६२ युगल, जोड़ी जम्बुय ३४ गीदड़ जम्मक्खणि ३४ जन्मक्षण ज्ञानावरणी ३२३ कर्मका नाम, २३ जन्म ज्ञानको आजयतसिरो १०५ रागका नाम वरण करनेवालजयपत्त २ जयपत्र झड़हड़ ३६५ गिरना झडना ३६९ जिसका झावों ३३० झांकी,आभास जाइना ३७६ जाह झाझेरडा १२०,३२६ अधिक, विशेष जागरि १५३ जागरण झाडाया (ला) १०० छुड़ाया जान ४१२ बरात झाण १ ध्यान जानउत्र ३८० बरात ३८५ ध्यावो जानह ३८० बरातको झालर ३११ झालर, वस्त्र जामणहि ३१ यामिनी विशेष (रात्रि ) में | झाला ३०२ जाति विशेष जसु झायहु Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org |
SR No.002600
Book TitleAetihasik Jain Kavya Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherShankardas Shubhairaj Nahta Calcutta
Publication Year
Total Pages700
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size10 MB
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