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जिनोदयसूरि पट्टाभिषेक रास ३८६ जिम माणससरि हंस, भाद्रव घणु दाणेसरह७५ ।
जिम गह मंडलि हंसु, चंद६ जेम तारा-गणह७७ ॥३३॥ जिम अमराउरि इन्दु, भूमंडलि जिम चक्कधरो। ... संघह माहि मुणिंदु, तिम सोहइ 'जिणउदय' गुरो ॥३४॥ नवरस देसण वाणि, घणु७८ जिम गाजइ गुहिर सरे ।
नाणु नीर वरिसंतु८०, महिमंडलि विहरइ सुपरे ।।३५।। नंदउ विहि८१ समुदाउ, नंदउ सिरि 'जिणउदयसूरे'।
. नंदउ 'रतनउ' साहु, सपरिवार 'पूनिग' सहिउ८२ ॥३६॥ सुहगुरु गुण गायंतु, सयल लोय वंछिय लहए ।
... रमउ रासु इहु रंगि, “ज्ञान-कलस" मुनि इम कहए ॥३॥
॥ इति श्री जिनोदय सूरि पट्टाभिषेक रास समाप्त ॥
७५b दाणेसरहु, ७६b चांदु, ७७b तारागणहु, ७८३ घण, ७९a नाण, ८०b वरसंतु, ८१b विह, ८२b सहियउ ।
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