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श्रीजिनेश्वरसूरि संयमश्री विवाह वर्णन रास ३८३ अणसणु लेवि५४ सुह झाणु धरेवि, अरिरि सुहडत्तु इम भाणिऊणं । [तेर इगतीस आसोज५५ बदि छट्ठि, जिणेसरसूरि सग्गंमि' पत्तु ॥x] 'जिणेसर सूरि' सग्गंमि संपत्तु५६ पूरउ संघ मण बंछियाई५७ ॥३२॥ एहु वीवाहलउ५८ जे पढइ, जे दियहि खेला खेली५६ रंग भरे६० । ताह जिणेसर सूरि सुपसन्नु६१,
इम भणइ भविय गणि 'सोममुत्ति'६२ ।। ३३ ।। ॥ इति श्री जिनेश्वर सूरि संयमश्री विवाह वर्णन रास समाप्तः ॥
५४३ लेविणु [x] abप्रति, ५५b आसोय ५६b-c संपत्तओ, ५७b वंछियाइ, ५८b वीवाहडउ, c वीवाहुलउ, ५९ bic खेलिय, ६० b-c भरि, ६१. सुपसुन्न ६२b सोममूर्ति, c सोममुत्ती।
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