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जैन दर्शन और प्राधुनिक विज्ञान
मिलता जा रहा है । यह बात केवल शब्द के विषय को लेकर ही नहीं है किन्तु शक्ति के अन्यान्य रूपों में भी अब शक्ति व पदार्थ का तादात्म्य स्पष्ट होता जा रहा है । जैन दार्शनिकों ने छाया, प्रातप व प्रकाश आदि को भी पौद्गलिक बताया । किन्तु विज्ञान ने इन सबको शक्ति के ही रूप में स्वीकार किया था । जैन दर्शन का कथन था - पुद्गल से परे शक्ति नाम की कोई पृथक् सत्ता नहीं है । विज्ञान के शब्दों में जिन पदार्थों को हम शक्ति के नाम से पहचानते हैं, वे पुद्गल के की बात तो यह है कि विज्ञान भी अब उसी अभिमत को लेकर चलता है ।
ही सूक्ष्म रूप हैं । प्रसन्नता
क्या शक्ति में भी तोल है ? इस प्रश्न का उत्तर गेलेलियो और न्यूटन की भाषा में पूर्ण निषेधात्मक ही था । लेकिन आईंस्टीन का सापेक्षवाद बताता है - शक्ति भार रहित तत्व नहीं है, क्योंकि उसमें भी निश्चित मर्यादा से पदार्थत्व (Mass) है । एक हजार टन पानी को वाष्प में परिणत करने के लिये जितने ताप (Heat) की आवश्यकता है, वह ग्राम १।३० से भी कम होगा। सरलता के लिए ऐसा भी कहा जा सकता है-तीन हजार टन पत्थर के कोयले को जलाने से जितना ताप उत्पन्न होगा, उसका वजन लगभग एक माशे के बराबर होगा । शक्ति को पदार्थ न मानने का केवल यही कारण था कि वह अत्यन्त अल्प भार वाली है । इसीलिये ही अब तक इसे भार शून्य प्रवाह माना जाता था ।
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रेडियेशन भी एक शक्ति है जो सूर्य से प्रवाहित होती है। प्रोफेसर मैक्सबोर्न ने बताया है— सूर्य रेडियेशन के शक्ति प्रवाह से प्रति वर्ष १ खरब ३८ अरब टन पदार्थ (Mass) खोता है । उसी प्रकरण में आगे वे कहते हैं— शक्ति और पदार्थ (Mass) एक वस्तु विशेष के दो पृथक् नाम हैं । तात्पर्य यह हुआ जैन दर्शन के अनुसार शक्ति नामक कोई पदार्थ पुद्गल से पृथक् नहीं है, यह बात विज्ञान ने सवा सोलह आने स्वीकार कर ली है। अब तो वैज्ञानिकों ने शक्ति के भार को प्रांकने के लिये गातिक सूत्र भी बना लिये हैं । उक्त विवेचन के पश्चात् हम सहज ही इस निर्णय पर पहुँच जाते हैं कि रेडियो, ग्रामोफोन, लाउडस्पीकर आदि यन्त्रों ने जैन दर्शन के शब्द सम्बन्धी संविधान को चरितार्थ कर दिया है। ध्वनि शक्ति रूप है तो भी वह
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tions.
1. The sun loses in one year 1,38,00,00,00,000 by it's radia- Restless Universe. 2. Energy and mass are just different names for the same
thing.
३. २० me २ अर्थात् ६ X १० m इतने एक ग्रर्ग एनर्जी का तोल एक ग्राम होता है ।
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