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[ नियुक्तिसंग्रहः
पुट्ट सुइ सई रूवं पुण पासई प्रपुटुंतु । गंधं रसं च फासं च बद्धपुट्ट वियागरे ॥५॥ भासासमसेढीओ, सदं जं सुणइ मोसयं सुणई । वीसेढी पुण सइं. सुणेइ नियमा पराधाए ।॥ ६ ॥ गिण्हइ य काइएणं, निस्सरइ तह वाइएगा जोएणं । एगंतरं च गिण्हइ, निसिरइ एगंतरं चेव ।।७।। तिविहंमि सरीरंमि उ, जीवपएसा हवंति जीवस्स । जेहि उ गिण्हइ गहणं, तो भासइ भासओ भासं ।। ८ ।।
पोरालियवेउम्वियामाहारो (रतो उ) गिण्हई मुय इ मासं । 10 सच्चं सच्चामोसं मोसं च असच्चमोसं च ॥ ६ ॥
काहिं समएहि लोगो, भासाइ निरंतरं तु होइ फुडो। लोगस्स य क इभागे, कहभागो होइ भासाए ? ।। १० ।। चहि समएहि लोगो, भासाइ निरंतरं तु होइ फुडो।
लोगस्स य चरमंते चरमंतो होइ भासाए ॥११॥ 15 ईहा अपोह वीमंसा, मग्गणा य गवेसरणा ।
सण्णा सई मई पण्णा, सव्वं आमिनिबोहियं ॥ १२ ॥ संतपयपरूवणया, दश्वपमाणं च खित्त फुसणा य । कालो अ अंतरं भाग, भावे अप्पाबहुं चेव ॥१३ ।।
गइ इंदिए य काए, जोए वेए कसायलेसासु । 20 सम्मत्तनाणदंसण-संजयउवयोगआहारे ॥१४॥
भासगपरित्त पज्जत्त, सुहुमे सण्णी य होइ भवचरिमे । माभिणिबोहिअनाणं, मग्गिज्जइ एसु ठाणेसु ॥
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