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[ नियुक्तिसंग्रहः :: (२) श्रीमती अोधनियुक्तिः
(जयमाणा खलु एवं तिविहा उ समासओ समक्खाया। विहरताविय दुविहा गच्छगया निग्गया चेव ।। ४ ।) पत्तेयबुद्ध जिणकप्पिया य पडिमासु चेव विहरंता ।
प्रायरिअथेरवसभा मिक्खू खुड्डा य गच्छमि ।। १२५ ।। 5 प्रोहावंता दुविहा लिंगविहारे य होति नायव्वा । लिगेणऽगारवासं नियया ओहावण विहारे ।। १२६ ।। उवएस प्रणुवएसा दुबिहा आहिंडआ मुणेयन्वा । उवएसदेसदसण थूभाई हुँतिऽणुवएसा ॥१२७ ॥
पुण्णंमि मासकप्पे वासावासासु जयणसंकमणा । 18 प्रामंतणा य भावे सुत्तत्थ न हायई जत्थ ॥ १२८ ।।
अप्पडिलेहिअदोसा वसही भिक्खं च दुल्लहं होज्जा। बालाइगिलाणाण व पाउग्गं अहव सज्झाम्रो ॥ १२६ ।। तम्हा पुव्वं पडिले हिऊण पच्छा विहीए संकमणं ।
पेसेइ जइ अणापुच्छिउं गणं तस्थिमे दोसा ।। १२० ।। 15 अइरेगोवहिपडिलेहणाए कथवि गयत्ति तो पुच्छे ।
खेत्ते पडिलेहेङ अमुगत्थ गयत्ति तं दुट्ठ ॥ १३१ ॥ तेरणा सावय मसगा ओमऽसिवे सेह इत्थि पडिणीए । थंडिल्ल अगणि उट्ठाण एवमाई भवे दोसा ।। १३२ ।।
पच्चंति तावसीओ सावयदुभिक्खतेणपउराई । 20 णियगपदुट्ठट्टाणे फेडणहरियाइपण्णीए ॥ १३३ ।।
सीसे जइ आमंतइ पडिच्छगा तेण बाहिरं भावं । जइ इयरा तो सीसा तेवि समत्तंमि गच्छति ।। १३४ ।।
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