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[ नियुक्तिसंग्रहः :: (१) आवश्यक नियुक्तिः
वत्तिआए ॥ २॥ सद्धाए, मेहाए, धिईए, धारणाए अणुप्पेहाए वड्रमाणाए ठामि काउस्सग्ग॥ ३ ॥ सूत्रम् ॥
पुक्खर-वर-दीवड, धायईसंडे अ जंबूदीवे अं। भरहेरवय-विदेहे, धम्माऽऽइगरे नमसामि ॥१॥ तम5 तिमिर-पडल-विद्धं-सणस्स सुर-गण-नरिंदमहिअस्स ।
सीमाधरस्स वंदे, पप्फोडिअ मोह-जालस्स ॥ २ ॥ जाइजरा-मरणसोग-पणासणस्स, कल्लाण-पुक्खल-विसालसुहा-ऽऽवहस्स । को देव-दाणवनरिंद-गण-ऽच्चि-अस्स ?,
धम्मस्स सारमुवलब्भ करे पमायं १ ॥३॥ सिद्धे भो ? 10 पयओ णमो जिणमए नंदी सया संजमे, देवं नागसुव
नकिन्नर-गण सम्भूअभावऽच्चिए। लोगो जत्थ पइदिओ जगमिणं तेलुकमच्चासुरं, धम्मो वड्रउ सासओ विजयओ धम्मुत्तरं वउ ॥४॥ सुअस्स भगवओ करेमि काउस्सग्गं, वंदणवत्तियाए० ॥ सूत्रम् ।।
अन्नत्थ-ऊससिएणं, नीससिएणं, खासिएणं, छीएणं, जंभाइएणं, उड्डुएणं, वायनिसग्गेणं भमलीए, पित्तमुच्छाए ॥१॥ सुहुमेहिं अंगसंचालेहिं सुहुमेहिं खेल-संचालेहि, सुहुमेहिं दिहि-संचालेहि ॥ २॥ एवमाइएहिं आगारेहि,
अभग्गो अविराहिओ, हुज्ज मे काउस्सग्गो ॥३॥ जाव 20 अरिहंताणं भगवंताणं, नमुक्कारेणं न पारेमि ॥४॥
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