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५- पारिष्ठापनिकाध्ययनम् :: ९ - पारिष्ठा. नियुक्ति: ] [ १३१ वणासमिइए उच्चार पासवण खेल जल्ल सिंघाण पारिहारिणयासमिइए । सूत्रम् ॥
॥ १ ॥ अथ पारिष्ठापनिका नियुक्तिः ॥
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पारिट्ठावणियविहि वोच्छामि धीरपुरिसपण्णत्तं । जं णाऊण सुविहिया पवयणसारं उवलहंति ।। १ ।। एगेंदियंनोएगेंदिय पारिट्ठावणिया समासओ दुविहा । एएसि तु पयाणं पत्तेय परूवणं वोच्छं ॥ २ ॥ पुढवी आउक्काए तेऊबाऊवणस्सई चेव 1
एगेंदिय पंचविहा तज्जाय तहा य अतज्जाय ।। ३ ।। 10 दुविहं च होइ गहणं आयसमुत्थं च परसमुत्थं च ।
एक्केक्कंपि य दुविहं आभोगे तह अणाभोगे ।। ४ ।। नोए गिदिएहि जा सा सा दुविहा होइ आणुपुन्त्रीए । तसपाणेहिं सुविहिया ! नायव्वा नोत सेहिं च ॥ ५ ॥ तसपाहिं जा सा सा दुविहा होइ आणुपुव्वोए । 15 विगलिदियत से हि जाणे पंचिदिएहि च ।। ६ ।। विगलिदिएहि जा सा सा तिविहा होइ आणुपुव्वीए । बियतियचउरो यावि य तज्जाया तहा अतज्जाया || ७ ॥ पंचिदिएहि जा सा सा दुबिहा होइ आणुपुव्वीए । मणुएहिं च सुविहिया ! नायव्वा नोयमणुहि ॥ ८ ॥
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