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________________ प्रतिष्ठितं ॥ श्रीजिनकुशल... ११. बुद्धिसागरसूरि, जैन धातु प्रतिमा लेख संग्रह भाग-१, लेखांक २३६, भाभा पार्श्वनाथ मन्दिर, पाटण १२. अम्बिका - मूर्तिः (धा० ) ॥ ९० ॥ सं० १३८० कार्तिक सु० १४ श्रीजिनचन्द्रसूरिशिष्यैः श्रीजिनकुशलसूरिभिः श्री अम्बिका प्रतिष्ठिता ॥ १२. जैन तीर्थ सर्व संग्रह भाग-२, पृष्ठ ३७२, पार्श्वनाथ मन्दिर, हाला १३. जिनप्रबोधसूरि - मूर्तिः ॥ ॐ ॥ सं० १३८१ वैशाख वदि ५ श्रीपत्तने श्रीशान्तिनाथविधिचैत्ये श्रीजिनचन्द्रसूरिशिष्यैः श्रीजिनकुशलसूरिभिः श्रीजिनप्रबोधसूरिमूर्ति प्रतिष्ठिता ॥ कारिता च सा० कुमरपालरत्नैः सा० महणसिंह सा० देपाल सा० जगसिंह सा० मेहा सुश्रावकैः सपरिवारैः स्वश्रेयोर्थं ॥ छ ॥ १३. नाहर, जैन लेख संग्रह भाग-२ लेखांक १९८८, पार्श्वनाथ मन्दिर, देलवाड़ा (मेवाड़); देवकुलपाटक, लेखांक ८; विजयधर्मसूरि, प्राचीन लेख संग्रह, लेखांक ५६ १४. अम्बिका - मूर्तिः सं० १३८१ वैशाख व० ५ श्रीजिनचन्द्रसूरिशिष्यैः श्रीजिनकुशलसूरिभिः अम्बिका प्रतिष्ठिता ॥ १४. नाहटा, बीकानेर जैन लेख संग्रह, लेखांक १३१२, महावीर मन्दिर वेदों, का बीकानेर १५. मुनिसुव्रतः सम्वत् १३८० आषाढ़ वद ८ (७) श्री शत्रुञ्जये श्रीमुनिसुव्रतस्वामिबिम्बं श्रीजिनचन्द्रसूरिशिष्यैः श्रीजिनकुशलसूरिभिः प्रतिष्ठितं कारितं च ..... मया त० रामल० त० राजपाल पुत्र न० नानड न० नेमिचन्द्र न० दुसल श्रावकैः पुत्र न० वीरम-डमकु - देवचन्द्र - मूलचन्द्र - महणसिंह निजकुटुम्ब श्रेयोर्थं ॥ शुभमस्तु ॥ ठारपुरिष्ठ १५. शत्रुंजयगिरिराज दर्शन, लेखांक ११७, देरी नं० १०० खरतरवसही, परिकर, शत्रुंजय १६. नमिनाथः सम्वत् १३८१ वर्षे वैशाख वदि ९ गुरौ वारे खरतरगच्छीय श्रीमद् जिनकुशलसूरिभिः श्रीनमिनाथदेवबिम्बं प्रतिष्टितं ...... देवकुलप्रदीपक..... श्रीमद्देवगुरुआज्ञाचिन्तामणि- सङ्गमकेन......॥ १६. शत्रुंजयगिरिराज दर्शन, लेखांक ११३, देरी नं० ८६ खरतरवसही, परिकर, शत्रुंजय १७. शान्तिनाथ - पञ्चतीर्थीः . खरतर श्रीजिनकुशलसूरिभिः श्री शान्तिनाथबिम्बं का० सं० १३८१ वर्षे आषाढ़ वदि .... प्र० श्रेयोर्थं देहसुतेन धामासुश्रावकेण ॥ १७. बुद्धिसागरसूरि, जैन धातु प्रतिमा लेख संग्रह भाग-१, लेखांक ३७८, महावीर मन्दिर, पाटण (२०० ) Jain Education International 2010_04 खरतरगच्छ का इतिहास, प्रथम खण्ड For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002594
Book TitleKhartar Gacchha ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2005
Total Pages596
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size16 MB
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