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(३१२), आचार्य श्री जिननन्दिववर्द्धनसूरि (३१३), आचार्य श्री जिनजयशेखरसूरि - आचार्य श्री जिनकल्याणसूरि (३१४), आचार्य श्री जिनचन्द्रसूरि (३१५), आचार्य श्री जिनरत्नसूरि (३१६), आचार्य श्री जिनविजयसेनसूरि (३१७) । ० १०. मण्डोवरा शाखा (३१८-३२३) 0 आचार्य श्री जिनमहेन्द्रसूरि (३१८), आचार्य श्री जिनमुक्तिसूरि (३२०), आचार्य श्री जिनचन्द्रसूरि - आचार्य श्री जिनधरणेन्द्रसूरि (३२२), (महोपाध्याय उदयचन्दजी, कोतवाल मोतीचन्द्रजी, (३२३) । ० दिङ्मण्डलाचार्य शाखा (३२४ - ३२६) ० आचार्य कुशलचन्द्रसूरि (३२४), उपाध्याय राजसागर गणि - उपाध्याय रूपचन्द्र गणि - आचार्य बालचन्द्राचार्य (३२५), आचार्य नेमिचन्द्रसूरि - आचार्य श्री हीराचन्द्रसूरि (३२६)। खरतरगच्छ की उपशाखाओं का इतिहास
३२७ - ३५१ 0 श्री क्षेमकीर्ति उपशाखा (३२७ - ३३५) ० श्री सागरचन्द्रसूरि उपशाखा (३३६ - ३३९) ० श्री जिनभद्रसूरि उपशाखा (उपाध्याय साधुकीर्ति और उनका शिष्य परिवार - ३४१ - ३४४) (जयसागर
उपाध्याय और उनकी शिष्य परम्परा - ३४४ - ३४७), ० श्री कीर्तिरत्नसूरि उपशाखा (३४८ - ३५१) खरतरगच्छ की संविग्न साधु-परम्परा का इतिहास
३५२ -३९८ १. ० श्री सुखसागरजी म० का समुदाय (३५२-३७५)
१. उपाध्याय श्री प्रीतिसागर गणि (३५२), २. वाचक श्री अमृतधर्म गणि, ३. उपाध्याय श्री क्षमाकल्याण (३५३), ४. श्री धर्मानन्द, ५. श्री राजसागर (३५६), ६. श्री ऋद्धिसागर, ७. गणाधीश श्री सुखसागर (३५७), ८. गणाधीश श्री भगवानसागर, ९. गणाधीश श्री छगनसागर (३५८), महोपाध्याय सुमतिसागर (३५९), १०. गणाधीश श्री त्रैलोक्यसागर, ११. आचार्य श्री जिनहरिसागरसूरि (३६०), आचार्य श्री जिनमणिसागरसूरि (३६२), १२. आचार्य श्री जिनानंदसागरसूरि (३६६), १३. आचार्य श्री जिनकवीन्द्रसागरसूरि (३६७), १४. गणाधीश श्री हेमेन्द्रसागर, १५. आचार्य श्री जिन उदयसागरसूरि (३६८), १६. आचार्य श्री जिनकान्तिसागरसूरि (३६९), १७. आचार्य श्री जिनमहोदयसागरसूरि (३७०), १८. गणाधीश श्री कैलाशसागर - उपाध्याय श्री मणिप्रभसागर (३७१), गणि श्री महिमाप्रभसागर - गणि श्री पूर्णानन्दसागर - श्री मनोज्ञसागर (३७२), मुनि श्री सुयशसागर - मुनि श्री पीयूषसागर - मुनि श्री मणिरत्नसागर (३७३), महोपाध्याय क्षमाकल्याण परम्परा का वंशवृक्ष (३७४)। २. ० श्री जिनकृपाचन्द्रसूरि का समुदाय (३७६-३८०),
१. आचार्य श्री जिनकृपाचन्द्रसूरि (३७६), २. आचार्य श्री जिनजयसागरसूरि, ३. उपाध्याय श्रीसुखसागर
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