________________
अभीष्ट कार्य सिद्धिदायक मन्त्र एवं यन्त्र) मन्त्र : ॐ हीं श्रीं अर्ह, अर्ह अभयप्रदाय सकलसंसार भीतिभेदकाय
शिवंकराय भगवते पार्श्वनाथाय नमो नमः । प्रयोग-विधि : आध्यात्मिक गुरुजनों से इस पावन मन्त्र को ग्रहण करें । मंत्रोच्चारण की।
शुद्धि गुरुजनों के सान्निध्य में ही सम्पन्न करें। उक्त मन्त्र का १००८ बार जप अभीष्ट कार्य सिद्धि प्रदान करता है। अहिंसक तथा सात्विक कार्यों के लिए ही इसका प्रयोग करें। मन्त्र-जप के समय स्नान-शुद्धि वस्त्र-शुद्धि के साथ-साथ चित्त-शुद्धि आवश्यक है। मन्त्र-जप के समय भगवान पार्श्वनाथ का विशुद्ध ध्यान करना तथा निम्न यन्त्र की सम्मुख स्थापना करना न भूलें। ध्यान की एकाग्रता के लिए श्री सुशील कल्याण मन्दिर स्तोत्र का प्रथम श्लोक लयबद्ध रीति से २१,
-यन्त्रम्ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
बार पढ़ें।
अभीष्टां
कार्यसिद्धि
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
भी.
कुरु
श्री
It hallelepaih Ablut HEGE
Jain Education International 2010_03
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org