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________________ आन्ध्र प्रदेश जिला पूर्व गोदावरी श्री गुम्मिलेरू तीर्थ पेढ़ी : श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथ जैन तीर्थ, पोस्ट गुम्मिलेरू वाया मंडपेटा, जिला पूर्व गोदावरी-533 232 फोन : 08855-34037 जैन तीर्थ परिचायिका मूलनायक : श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथ भगवान । मार्गदर्शन : यह तीर्थस्थान पूर्व गोदावरी जिले के मंडपेटा से लगभग 4 कि.मी. दूर गुम्मिलेरू गाँव में है। यह स्थान रावुलपालेम से 13 कि.मी. काकिनाडा के तरफ है। राजमन्द्री से लगभग 35 कि.मी. दूरी पर है। यहाँ से पेदमीरम तीर्थ लगभग 80 कि.मी. है। परिचय : तीर्थ का निर्माण कार्य चालू है। आज से लगभग तीस साल पहले रोड चौड़ा करते वक्त भूगर्भ से प्राप्त हुई यह प्रतिमा श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथ भगवान की है। वर्तमान में यह प्रतिमा एक कमरे में विराजमान है। बाजु में नाकोड़ा भैरूजी की मूर्ति भी विराजमान की गयी है। भूगर्भ से प्राप्त प्रतिमा के अलावा और अनेक नई प्रतिमाएँ स्थापित की जायेंगी। इस तीर्थ को दक्षिण भारत का नाकोड़ा तीर्थ स्वरूप बनाने की योजना है। ठहरने की व्यवस्था : यहाँ पर धर्मशाला, भोजनशाला आदि सर्व सुविधाएँ उपलब्ध हैं। श्री तिरूपति बालाजी आन्ध्र प्रदेश का यह तीर्थ स्थल भारतवर्ष का सुप्रसिद्ध तीर्थ है। देश-विदेश से पूरे वर्ष श्रद्धालु भक्तगण यहाँ दर्शनार्थ आते हैं। यह चेन्नई से 144 कि.मी., गुन्टूर से 64 कि.मी., बैंगलोर से 228 कि.मी. दूर है। चितूर जिले में सात पहाड़ियों से घिरे तिरूमलाई (तिरूपति जी) के लिए चेन्नई में सुबह 5.30 से रात्रि 8.30 तक बस सेवा उपलब्ध है। तिरूपति से तिरूमलाई मन्दिर तीर्थ 22 कि.मी. पहाड़ी मार्ग है। ठहरने के लिए मन्दिर के निकट ही मन्दिर कमेटी का गैस्ट हाऊस धर्मशालाएँ, होटल, काटेज आदि अनेकों प्रकार की सुविधाएं हैं। मन्दिर कमेटी के डायनिंग हॉल में भोजन भी मिलता है। तिरूपति में एक दिन ठहरकर 11 कि.मी. दूर विजय नगर के राजाओं का दुर्ग चंद्रागिरि में देखा जा सकता है। वहाँ मन्दिर भी हैं। चेन्नई -तिरूपति मार्ग पर चेन्नई से 90 कि.मी. दूर फोनाई जल प्रपात दर्शनीय है। नारायणवनम में 2 कि.मी. अंदर निर्मल स्थान पर यह दर्शनीय जल-प्रपात तिरूपति आतेजाते इसे देख सकते हैं। आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद में नौबत पहाड़, बिड़ला मंदिर, गोलकुण्डा का किला, उस्मान सागर, चार मिनार आदि दर्शनीय स्थल है। 76 bucation International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002578
Book TitleJain Tirth Parichayika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year2004
Total Pages218
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Pilgrimage
File Size14 MB
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