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________________ गुजरात जिला मेहसाना श्री वामज तीर्थ जैन तीर्थ परिचायिका मूलनायक : श्री आदीश्वर भगवान, श्वेतवर्ण, पद्मासनस्थ। मार्गदर्शन : शेरीसा तीर्थ से यह स्थान 12 कि.मी. दूरी पर है। वामज गाँव से तीर्थ 5 कि.मी. फासले पर है। शेरीशा से कलोल 8 कि.मी. तथा कलोल से अहमदाबाद 29 कि.मी. है। परिचय : एक महात्मा को यहाँ की प्रतिमा भूगर्भ से मिली। यह प्रभु प्रतिमा बहुत ही चमत्कारी है। ठहरने की व्यवस्था : यहाँ पर एक छोटी-सी धर्मशाला है। पेढी: सेठ आनंदजी कल्याणजी पेढी मु. पो. वामज, ता. कलोल, जि. मेहसाना (गुजरात) मूलनायक : श्री शेरीशा पार्श्वनाथ भगवान, श्यामवर्ण, पद्मासनस्थ। श्री शेरीशा तीर्थ मार्गदर्शन : यह तीर्थस्थान अहमदाबाद-मेहसाणा मार्ग पर कलोल से 8 कि.मी. दूरी पर है। कलोल अहमदाबाद 29 कि.मी. का मार्ग है। मेहसाणा से कलोल 45 कि.मी. मेहसाणा पेढ़ी : अहमदाबाद मार्ग पर पड़ता है। सेठ आनंदजी कल्याणजी पेढी परिचय : यह तीर्थ अत्यन्त प्राचीन है। विक्रम संवत् 1500 के ग्रंथों में इस तीर्थ का उल्लेख है। मु. पो. शेरीशा, ता. कलोल, प्रभु प्रतिमा 65 इंच ऊँची है। मंदिर के नीचे तलघर में श्री पार्श्वनाथ भगवान तथा मंदिर में जि. मेहसाना (गुजरात) श्री पद्मावती देवी की प्रतिमा भव्य और सुन्दर है। विक्रम की 16वीं शताब्दी के समय फोन : (02764) 4438 मुस्लिम आक्रमण द्वारा यह तीर्थ खंडित हुआ था। बाद में नया मंदिर बनवाकर विक्रम संवत् 2002 में प्रतिष्ठा करायी गयी। ठहरने की व्यवस्था : यहाँ पर धर्मशाला तथा भोजनशाला है। श्री आगलोड तीर्थ मूलनायक : श्री वीर मणिभद्र। परिचय : विजापुर गाँव के निकट मेहसाणा-हिमतनगर मुख्य सड़क मार्ग से कुछ भीतर जाकर जैन शासन रक्षक देव श्री वीर मणिभद्र का यह प्रसिद्ध स्थान है। वे जैनधर्म के अनुयायी हैं और जैनों का विघ्नों से रक्षण करते हैं। यहाँ से महुडी (घंटाकर्ण तीर्थ) नजदीक है। ठहरने की व्यवस्था : यहाँ पर धर्मशाला तथा भोजनशाला की व्यवस्था है। श्री पानसर तीर्थ मूलनायक : श्री महावीर स्वामी भगवान, श्वेतवर्ण, पद्मासनस्थ। मार्गदर्शन : अहमदाबाद मेहसाणा मार्ग पर कलोल के पास यह स्थान है। कलोल से पानसर 7 कि.मी. दूर स्थित है। मेहसाणा से यह स्थान 45 कि.मी. दूर है। पानसर रेल्वे स्टेशन भी है। ऑटो तथा रिक्शा के साधन मिल जाते हैं। परिचय : यहाँ की प्रभु प्रतिमा वि. सं. 1966 में भूगर्भ से प्राप्त हुई। बाद में यहाँ और भी प्रतिमाएँ मिलीं। यहाँ की प्रतिमा चमत्कारी होने के कारण यहाँ हमेशा यात्रियों का मेला लगता है। यहाँ का मंदिर तीन शिखरयुक्त तथा सात गर्भगृह का भव्यतम है। यहाँ से दो फलांग पर पानसर गाँव में भी श्री धर्मनाथ भ. का मंदिर है। ठहरने की व्यवस्था : यहाँ पर धर्मशाला तथा भोजनशाला है। पेढ़ी : श्री महावीर स्वामीजी महाराजनी पेढी मु. पो. पानसर, वाया कलोल, जि. मेहसाणा (गुजरात) फोन : (02764) 88240 Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelib 133
SR No.002578
Book TitleJain Tirth Parichayika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year2004
Total Pages218
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Pilgrimage
File Size14 MB
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