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________________ राजस्थान दिलवाड़ा मंदिर पेढ़ी : श्री कल्याणजी परमानंदजी पेढी देलवाड़ा जैनमंदिर डाकघर माउंटआबू, जिला सिरोही ( राजस्थान) फोन: 02974-38877, 38424 104 Jain Education International 2010_03 जैन तीर्थ परिचायिका पर शहर का नाम पड़ा है आबू । मन्दिर से शहर का विहंगम दृश्य भी काफी मनोरम दिखायी पड़ता है। I आबू पहाड़ का रेल - सम्पर्ककारी स्टेशन आबू रोड है। रेल्वे स्टेशन के पास ही बस स्टैण्ड है। आबू रोड से ट्रेन व बसें जोधपुर, अजमेर, जयपुर, उदयपुर, अहमदाबाद सहित पश्चिम भारत के विभिन्न स्थानों को जाती हैं। रेलवे स्टेशन के रिटायरिंग रूम में भी ठहरने की व्यवस्था है । निकट ही भगवती गेस्ट हाउस व साधारण स्तर के कई होटल हैं। पास में मानपुर में आबू तीर्थ तलेटी जैन मन्दिर व पदमावती मन्दिर है। धर्मशाला व भोजनशाल भी है। यात्रियों को ठहरने की अच्छी सुविधा युक्त व्यवस्था है। होटल : आबू पहाड़ के लिए सीजन / ऑफ सीजन दरें भिन्न-भिन्न हैं होटलों में। अप्रैल से जून और सितम्बर-अक्टूबर के महीने सीजन व अन्य महीने ऑफ सीजन हैं। ऑफ सीजन में दरें आधी हो जाती हैं। बस स्टैण्ड से लेक के बीच पैदल दूरी पर आबू के होटल हैं। थ्री स्टार होटल हिलटन । होटल महाराज, नवजीवन, होटल सवेरा पैलेस, होटल आबू इंटरनेशनल आदि प्रमुख होटल के अतिरिक्त यहाँ अनेकों सामान्य दरों के होटल एवं धर्मशालाएँ हैं। फाइव स्टार होटलें जैसे- जाल होटल, अरणीय विलेश, कामा होटल, हिलटोन होटल, रेसोर्ट भी है। ब्रह्माकुमारी का यूनिवर्सल भवन (शान्ति भवन) ग्लोबल हॉस्पीटल जहाँ बहुत ही अच्छी व्यवस्था है। इसके अलावा ज्ञान सरोवर जो आबू से करीब 4-5 कि.मी. पर बहुत सुन्दर व आकर्षक बनाया है। शहर में प्रवेश करते ही बस स्टैण्ड से 7/10 मिनट के रास्ते पहाड़ी टीले पर राजस्थान टूरिज्म का होटल शिखर स्थिर है । अनुयोग प्रवर्तक, उपाध्याय श्री कन्हैयालाल जी म. की प्रेरणा से यहाँ पर सब्जी मंडी के सामने श्री वर्धमान महावीर केन्द्र स्थापित हुआ है। वहाँ स्थानक भवन, ग्रंथालय, दवाखाना, धर्मशाला, भोजनशाला; ये सभी सुविधाएँ हैं। दिलवाड़ा का अद्भुत कलात्मक सौंदर्य हमें दूसरी दुनिया में ले जाता है। शिल्प सौंदर्य का एक उत्कृष्ट नमूना हमें आबू के देलवाड़ा के जैनमंदिरों में देखने को मिलता है। मार्गदर्शन : अहमदाबाद- दिल्ली मार्ग पर आबू रोड रेल्वे स्टेशन है। यह स्थान गुजरात - राजस्थान की सीमा पर है। रेल्वे स्टेशन से लगभग 32 कि.मी. दूरी पर शहर से 4 कि.मी. दूर आबू पहाड़ का अन्यतम आकर्षण आम्रकुंजों में रमा हुआ दिलवाड़ा है। आबू के दिलवाड़ा मंदिर विश्वविख्यात हैं । पूर्वकाल में लोग पगडण्डी या ऐसे कोई छोटे-मोटे रास्ते से ऊपर जाते थे अब पर्वत पर जाने के लिये अच्छी सड़क बनायी गयी हैं। पहाड़ों में टेढ़ा-मेढ़ा घूमता हुआ यह रास्ता आबू पर्वत तक ले जाता है। परिचय : दिलवाड़ा में कुल पाँच जैन मंदिर हैं। सारे विश्व में इतनी सुन्दर शिल्पकला के दूसरे मंदिर नहीं हैं। विमलवसही मंदिर का सबसे आकर्षक भाग रंगमंडप है। यह एक भव्य खुला मंडप है, जिसमें 48 कलायुक्त स्तंभ हैं । प्रत्येक दो स्तंभ आपस में अलंकृत तोरणों द्वारा जुड़े हैं। मंडप के बीचोंबीच एक लटकता हुआ आकर्षक झुमका है। इसके बाद गोलाकार मालाओं में पशु-पक्षी, देवी-देवता इत्यादि बने हैं। इन मालाओं पर आधारित 16 स्तंभों पर 16 विद्या For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002578
Book TitleJain Tirth Parichayika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year2004
Total Pages218
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Pilgrimage
File Size14 MB
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