SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 92
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 7. सिक्खा (बड्ढ, पसर ) 9. ससा ( उवसम, उवविस) उदाहरण - माया / मायाश्रो मायाउ हरिसिऊण / हरिसिऊणं / हरिसिद्वण / हरिसिदूणं / हरिरि. उं / हरिसिया / हरिसित्ता जीवन्तु / जीवेन्तु । ( ग - 3 ) नीचे आकारान्त स्त्रीलिंग सज्ञाएं तथा कोष्ठक में दो क्रियाएं दी गई हैं । सज्ञानों में प्रथमा बहुवचन का प्रयोग करते हुए निर्दिष्ट क्रियाओं में से किसी एक में कहीं सम्बन्धक भूतकृदन्त के, कहीं हेत्वर्थक कृदन्त के प्रत्ययों का प्रयोग कीजिए तथा दूसरी क्रिया में भविष्यत्काल के प्रत्यय लगाकर वाक्य बनाइए | संज्ञा, किया एवं कृदन्तरूपों के सभी विकल्प लिखिए 1. कन्ना (लोट्ट, उट्ठ) 3 धूम्रा (कील, रम) नस्स) 5. गुहा (जल, 7. जात्रा ( बिह, पला) 9. भुंपडा (वस, हो ) 8. माया (उच्छह, चेट्ठ) 10. धूम्र ( रम, कील) 1. सीया 4. कहाउ 7. गंगाओ 10. निसाउ उदाहरण कन्ना / कन्ना ओ / कन्नाउ लोट्टिऊण / लोट्टिऊणं / लोट्टिदूण/लोट्टिदूणं/लोट्टडं/लोट्टिय / लोट्टिता उद्विसन्ति / उरिसन्ते / उस्सिइरे/उहिन्ति / उट्टिन्ते / उट्ठहिरे / उट्ठस्सिन्ति / उट्ठिस्सिन्ते / उट्ठिस्सिइरे । प्राकृत अभ्यास सौरम j (घ) नीचे श्राकारान्त संज्ञाएं विभक्ति-प्रत्ययसहित दी गई हैं। उनके पुरुष, वचन, मूलसंज्ञा, लिंग एवं प्रत्यय लिखिए Jain Education International 2010_03 2. ससा (हरिस, घुम) 4. सिक्खा (वड्ढ, पसर) 2. परिवखा 5. तणयाओ 8. नणदाउ 11. सरिश्रा 6. सुया (कंद, चिट्ठ) 8. महिला (जागर, उट्ठ) 10. नन्दा ( जोह, कन्द ) 3. मायाश्र 6. अहिलासा 9. महिलाओ 12. सिक्खा For Private & Personal Use Only [ 81 www.jainelibrary.org
SR No.002575
Book TitlePrakrit Abhyasa Saurabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year1997
Total Pages238
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy