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(T 1) नीचे प्राकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञाए तथा कोष्ठक में दो क्रियाएं दी गई हैं । संज्ञानों
में प्रथमा एकवचन का प्रयोग करते हुए निर्दिष्ट क्रियाओं में से किसी एक में कहीं सम्बन्धक भूतकृदन्त के. कहीं हेत्वर्थक कृदन्त के प्रत्ययों का प्रयोग कीजिए तथा दूसरी क्रिया में वर्तमानकाल या भूतकाल के प्रत्यय लगाकर बाक्य बनाइए । संज्ञा, क्रिया एवं कृदन्तरूपों के सभी विकल्प लिखिए
1. सुया (बिह, लोट्ट) 3. कन्ना (चिराव, खिस) 5. माया (गडयड, उपसम) 7. ससा (खास, उवरम) 9. जाग्रा (उस्सस, थंभ)
2. नणन्दा (गडयड, रुव) 4. धूपा (रुव, खज) 6. कन्ना (उवसम, उवविस) 8. महिला (छज्ज, कुद्द) 10. झुपडा (वस, हो)
उदाहरणसुया बिहिऊरण/बिहिऊणं/बिहिउं/विहिय/बिहिदूण/बिहिदूण/बिहित्ता लोट्टीप्र ।
(ग-2)नीचे प्राकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञाएं तथा कोष्ठक में दो त्रियाएं दी गई है। संज्ञानों
में प्रथमा एकवचन का प्रयोग करते हये निर्दिष्ट क्रियाओं में से किसी एक में कहीं सम्बन्धक भूतकृदन्त के, कहीं हेत्वर्थक कृदन्त के प्रत्ययों का प्रयोग कीजिए तथा दूसरी क्रिया में विधि एवं प्राज्ञा के प्रत्यय लगाकर वाक्य बनाइये । संज्ञा, क्रिया एव कृदन्तरूपों के सभी विकल्प लिखिए
1. ससा (उवसम, उवविस) 3. जाया (चिट्ठ, लोट्ट) 5. तण्हा (जग्ग, उवसम) 7. कन्ना (लोट्ट, उट्ठ) 9 ससा (हरिस, ऊतर)
2. सिक्खा (वड्ढ, पसर) 4 महिला (उच्छह, चेट्ठ) 6. तणया (उवविस, थंभ) 8 कमला (वड्ढ, सोह) _10. धूया (थंभ, कील)
उदाहरणसमा उवसमिउं उवसमेउं/ उबसमिदं/उवस मे, उवविसउ/उवविसदु/उववि से उ/
उववि से दु ।
प्राकृत अभ्यास सौरभ }
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