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(ग-3, नीचे प्रकारान्त पुल्लिंग संज्ञाएं तथा कोष्ठक में दो क्रियाएं दी गई हैं। संज्ञानों
में प्रथमा एकवचन का प्रयोग करते हुए निर्दिष्ट क्रियानों में से किसी एक में कहीं सम्बन्धक भूतकृदन्त के, कहीं हेत्वर्थक कृदन्त के प्रत्ययों का प्रयोग कीजिए और दूसरी क्रिया में भविष्यत्काल के प्रत्यय लगाकर वाक्य बनाइए | संज्ञा, क्रिया एवं कृदन्तरूपों के सभी विकल्प लिखिए -
1. गव्व (गल, खय)
3 रक्खस (कुल्ल, मर )
5. सलिल ( पसर, सुक्ख )
7. पड ( जल, नस्स)
9 दुक्ख ( उपज्ज, खय )
उदाहरण
वो गलिकण / गलिऊणं/गलि दूण/गलिदूणं/गलिय / गलिउं / गलित्ता खयिहिइ / हिए / हिदि / खयिहि दे / खयि सइ / खयिस्सए/ खयिरस दि/खयि रस दे / सिदि/खयिसिदे ।
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(घ) नीचे प्रकारान्त संज्ञाएं विभक्ति-प्रत्यय सहित दी गई हैं। उनके पुरुष, वचन, मूलसंज्ञा, लिंग एवं प्रत्यय लिखिए
1. नरिंदो
4. पोत्तो
7. मित्तो
10. गरो
13. सायरो
16. सीहो
19. आगमो
22. रक्खसो
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2. पुत्त ( कलह, लज्ज)
4. सप्प (उड्ड, पड)
6. दिवायर ( सोह, उग्ग )
8. मारुन ( पसर, पड)
10. बालन (रुव, सय)
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2. करहो
5. कुक्कुरो
8. बालश्र
11. सप्पो
14. हु हो
17. यणो
20. मारुश्रो
23. दुक्खो
3. हवन्त
6. गव्वो
9. पिग्राम हो
12. भवो
15. पडो
18. दिनरो
21. कियंतो
24. बप्पो
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[ प्राकृत अभ्यास सौरभ
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