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________________ (5) कन्या घर गई। -कन्ना घरं गया। (6) पुत्रियां घर गई। -सुया/सुयाउ/सुयानो घरं गया/गयाउ/गयानो। 2.ख काव्य में गत्यार्थक क्रिया के कर्मवाच्य के प्रयोग बहुत कम मिलते हैं। अतः यहां एक ही उदाहरण दिया जा रहा हैकर्मवाच्य में प्रयोग (1) पुत्र के द्वारा घर जाया गया। -पुत्तेण/पुत्तेणं घरो गयो । 3 क अकर्मक क्रिया से बने हुए अनियमित भूतकालिक कृदन्त का सभी विकल्पों सहित प्रयोगकर्तृवाच्य में प्रयोग मुग्र=मरा (1) शत्रु मरा। -सत्तू मुयो । (2) शत्रु मरे । -सत्तू सत्तउ/सत्तप्रो/सत्तवो/सत्तुणो मुमा । (3) भय मरा। --मयं मुझं । (4) भय मरे । - मयाई/भयाई/भयाणि मुग्राइं/मुमाई/मुमारिण । (5) पुत्री मरी। -सुया मुत्रा। (6) बहिनें मरीं। -ससा ससाउ/ससानो मुला/मुबाउ/मुमामो । प्राकृत अभ्यास सौरभ ] [ 155 Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002575
Book TitlePrakrit Abhyasa Saurabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year1997
Total Pages238
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size7 MB
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