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________________ अभ्यास-30 (क) निम्नलिखित वाक्यों की प्राकृत में रचना कोजिये। संज्ञा व क्रिया-रूपों के सभी विकल्प लिखिए - 1. मालिक प्रसन्न होता है। 2. मुनि बैठेंगे। 3. मन्त्री प्रयास करें। 4. शत्रु लड़ा। 5. गांव का मुखिया बैठता है। 6. दही टपकता है । 7. अांखें दुःखीं । 8. हड्डी सूखेगी। 9. जल झरे । 10 भक्ति बढ़े। 11. तृप्ति होगी। 12. रत्न गिरते हैं। 13. वैभव बढ़ा। 14. पुत्रियां खेलती हैं। 15. लक्ष्मी बढ़े। 16. स्त्रियां प्रयास करेंगी। 17. मौसी थकी। 18. साड़ी सूखती है। 19. बहिन नाची। 20. माता थकेगी। 21. दादी बैठे। 22. बुदें गिरेंगी। 23 गुरु प्रसन्न होवे । 24. तेज खिले । 25. दुश्मन लड़ता है । 26. पिता हँसा । 27. मधु टपकता है । 28. मांसू झरेंगे। 29. घुटना थका। 30. प्रायू बढ़े। 31, पदार्थ सोहते हैं । 32. गायें भागती हैं । 33. चमची टूटी। 34. सासू बैठे। 35. बहू प्रयत्न करती है । उदाहरणमुनि बैठेंगे =मुणी/मुण उ/मुणनो/मुणिणो उवविसि हिन्ति/उवविसिहिन्ते उवविसिहिइरे/उवविसिस्सन्ति/उवविसिस्सन्ते/उवविसिस्सइरे। उवविसिस्सिन्ति/उवविसिस्सिन्ते/उवविसिस्सिइरे । (ख ) निम्नलिखित वाक्यों को प्राकृत में रचना कीजिये । संज्ञा एवं क्रिया-रूपो के सभी विकल्प लिखिए 1. स्वामी भोजन जीमता है । 2. कवि व्रत पालेंगे। 3. मुनि जल पीवें । 4. गाँव का मुखिया उन सबका अभिनन्दन करता है । 5. अांखें मनुष्य को देखती हैं। 6 मैं दही खाऊं। 7. कुत्ता हड्डियां खाएगा। 8. मुनि जल पीते हैं। 9 मनुष्य भक्ति करें। 10. घरतो रत्न पैदा करेगी। 11. माताएं साड़ियां नोट -इस अभ्यास-30 को हल करने के लिए 'प्राकृत रचना सौरभ' के पाठ 54 से 59 का अध्ययन कीजिए। प्राकृत अभ्यास सोरम ] [ 129 Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002575
Book TitlePrakrit Abhyasa Saurabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year1997
Total Pages238
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size7 MB
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