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अभ्यास- 28
(क) निम्नलिखित वाक्यों की प्राकृत में रचना कीजिए। संज्ञा, सर्वनाम व क्रिया- रूपों के सभी विकल्प लिखिए -
1. मैं परमेश्वर की पूजा करती हूँ । 2. सदाचार अपयश को रोकता है । 3. तुम दूध चखो । 4. पत्नी वस्त्रों को धोयेगी। 5. कन्याएं छोटे घड़े को उघाड़ती हैं। 6. हनुमान राम का उपकार करता है । 7. तुम भोजन करो । 8. कुत्ते धान को उपाड़ते हैं । 9. मनुष्य व्यसन छोड़ें। 10. बहिनें धान पीसेंगी । 11. तृष्णा निद्रा को रोकती है । 12 जुआ मनुष्य को कलंकित करता है । 13. वह बीजों को चुने । 14. देवर सिंहों को देखेगा | 15. हम धान कूटते हैं । 16. दादा पोतों को बुलाता है । 17. तुम उन सब को पुकारो । 18. वे दोनों खेत खोदते हैं । 19. वे सब गठरी को काटेंगे । 20 महिलाएं व्रतों को छोड़ेंगी। 21. बहिनें पुत्रियों को देखें । 22. हम गंगा की पूजा करेंगे। 23. तुम दोनों लकड़ी छीलते हो । 24 वे सब मदिरा छोड़े । 25. पुत्रियाँ वस्त्र धोयेंगी । 26. ननदें भोजन जीमती हैं। 27. राक्षस बच्चों को ठगेगा । 28. राक्षस बच्चों को ठगते हैं । 29. बालक कमल को तोड़ता है। 30. घी भोजन को स्निग्ध करता है | 31. मैं घी खाता हूं। 32 बहिनें नींद छोड़ें। 33. ससुर पत्नी की निन्दा करता है । 34. राजा रत्नों की खोज करता है । 35 तुम सब बादलों को देखो | 36. बेटी धागा तोड़ेगी । 37 नागरिक बालक को ठगता है । 38. मामा शास्त्रों को स्पर्श करता है । 39. प्रशंसा चित्त को छूती है। 40. वह सुख की खोज करे । 41. बालक विमान को देखते हैं । 42 तुम घी खाम्रो । 43. दु:ख सुख को रोकता है । 44. तुम जल को स्पर्श करो। 45. मैं जंगल को काटूंगा । 46. तुम सब भोजन जीमो । 47. भूख प्यास को रोकती है । 48. हम दोनों गड्ढे को खोदें । 49. माता पुत्र का स्पर्श करती है । 50. प्रज्ञा ज्ञान को प्रकट करती है । 51. वह वस्त्रों को फाड़ेगा। 52. राजा गर्व को छोड़े । 53. राक्षस कुत्ते को
नोट - इस प्रयास -28 को हल करने के लिए 'प्राकृत रचना सौरभ' के पाठ 53 का
अध्ययन कीजिए |
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[ प्राकृत अभ्यास सौरभ
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